2016-11-18 15:37:00

जयंती और अन्तरकलीसियाई वार्ता वाटिकन द्वितीय महासभा के फल


 वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 18 नवम्बर 2016 (वी आर) संत पापा फाँसिस ने काथलिक इटली दैनिक अखबार अभिनीरे को जयंती वर्ष के समापन पर दिये अपने साक्षात्कार के दौरान कहा कि करुणा की जयंती और अन्तर कलीसियाई एकता वाटिकन द्वितीय महासभा के फल हैं।

संत मार्था के अपने निवास में एक लम्बे साक्षात्कार में उन्होंने करुणा की जयंती वर्ष का मूल्यांकन और विभिन्न कलीसियों की कठिन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि कलीसिया का जीवन सुसमाचार के मूल्यों को जीना और उनका साक्ष्य देना हैं जो कि कलीसिया के आदर्श मात्र नहीं हैं।

संत पापा ने कहा कि करुणा की जयंती के बारे में मेरी कोई परियोजना नहीं थी, “मैंने अपने को पवित्र आत्मा से संचालित होने दिया”। क्षमाशीलता के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह कहना पसन्द करुँगा कि ईश्वर की याददाश्त अच्छी नहीं है, “वे क्षमा करते और सारी चीजों को भूल जाते हैं”

कलीसियाई एकता के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा करुणा की इस जयंती में अन्तर कलीसियाओं के मध्य एकता स्थापित करने हेतु अति विशिष्ट कदम उठाये गये हैं जो द्वितीय महासभा के अभिप्रेरित हुआ है।

उन्होंने कहा कि एकता के तीन मार्ग हैं, करुणा के कार्य को सम्पादित करते हुए एक साथ चलना, एक साथ प्रार्थना करना और विश्वास के सामान्य आधार को पहचाना जो अन्तरकलीसियाई एकता हेतु शहीदों के लोहू में प्रकट हुआ है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह ग़रीबों की सेवा की माँग करता है जो येसु के शरीर के अंग हैं। 








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