2016-11-14 16:25:00

काले धन पर नियंत्रण करने हेतु सरकार की नीति का धर्माध्यक्ष ने किया समर्थन


नई दिल्ली, सोमवार, 14 नवम्बर 2016 (ऊकान): फरिदाबाद के महाधर्माध्यक्ष कुरियाकोस भारानीकुलंगारा ने, काले धन पर नियंत्रण करने हेतु मोदी सरकार द्वारा 500 और एक हजार के नोट को रद्द करने की घोषणा पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों का समर्थन किया है।

लोगों को इस बात की आशंका है कि मोदी जी ने काले धन के नियंत्रण हेतु उठायी गयी अपनी इस नीति के सार्वजनिक करने के पूर्व ही कुछ लोगों को यह जानकारी दे दी थी।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, ″काले धन पर नियंत्रण करने के लिए यह एक अच्छी पहल है किन्तु साथ ही आम लोगों को इसके द्वारा कोई व्यवहारिक समस्या नहीं होनी चाहिए।″  

उन्होंने कहा कि काथलिक कलीसिया जैसी संस्थाओं पर इसके द्वारा कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा क्योंकि हमारी संस्थाएँ आर्थिक मामलों में पारदर्शी हैं। कलीसिया इसका स्वागत करती है।  

8 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आधि रात से 1000 एवं 500 रूपये के बैंक नोट का मूल्य समाप्त हो जायगा किन्तु लोग अगले कुछ सप्ताहों तक अपने पास रखे नोटों को बैंक जाकर बदल सकते हैं।

कोलकत्ता के विनोद सिंह ने ऊका समाचार से कहा, ″कल मैंने बैंक से 9000 निकाला ताकि बच्चों के स्कूल फीस दे सकूँ तथा अन्य दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं को प्राप्त कर सकूँ किन्तु अब ये बेकार हो चुके हैं क्योंकि सभी नोट 500 के थे। मेरे पास अब मात्र 300 रूपये ही रह गये हैं जिनका मैं उपयोग कर सकता हूँ। यह अगले कुछ दिनों तक हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बहुत कम है। जबकि उन्होंने इस परिवर्तन को लागू करने के मकसद से कुछ दिनों के लिए बैंक को बंद कर दिया है।″ 

मोदी की इस घोषणा के तुरन्त बाद लोगों ने अपने नजदीक के बैंक जाकर रूपये जमा करना शुरू कर दिया तथा 500 एवं 1000 के नोटों को 100 रूपयों में बदलने के लिए लाईन लगायी। 








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