2016-11-07 13:03:00

लोकप्रिय आंदोलन की तृतीया विश्वसभा के प्रतिभागियों से संत पापा की मुलाकात


वाटिकन सिटी, सोमवार, 7 नवम्बर 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को वाटिकन के पौल षष्टम सभागार में लोकप्रिय आंदोलनों की तीसरी विश्वसभा के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। सभा ऐसे संगठनों के सदस्यों को एक साथ लाती है जो समाज में हाशिए पर जीवन यापन करते हैं, बेरोजगार हैं तथा जिन्होंने कृषि योग्य अपनी जमीन को खो दी है। 

अपने वक्तव्य में संत पापा ने 9 जुलाई 2015 को बोलिविया की प्रेरितिक यात्रा के दौरान लोकप्रिय आंदोलनों की तीसरी विश्वसभा के प्रतिनिधियों के बीच चर्चा की गयी विषयवस्तु को सामने रखा। 

उन्होंने धन के नियम के विरूद्ध चेतावनी दी जो असमानता तथा हिंसा का भय दिखा कर शासन करता है और जो अधिक से अधिक हिंसा उत्पन्न करता एवं जिसका कभी अंत नहीं होता है।

संत पापा ने कहा, ″कलीसिया की सम्पूर्ण सामाजिक धर्मशिक्षा तथा पूर्वाधिकारियों की शिक्षा, धन की पूजा के विरूद्ध आवाज उठाती है जो सेवा करने के बदले लोगों पर शासन करता, क्रूरता दिखलाता एवं उसे भयभीत करता है। बिना भय दिखाये किसी प्रकार के उत्पीड़न को अंजाम नहीं दिया जा सकता। नागरिकों के लिए दीवार खड़े कर दिये गये हैं वे भयभीत किये जाते हैं वे बहिष्कृत एवं निर्वासित किये जाते हैं।″ संत पापा ने कहा कि इस भय को पोषित एवं चालाकी से प्रयोग किया जाता है।   

डर एवं हथियारों तथा मौत के चालाक सौदागर, हमें कमजोर और अस्थिर बना देते, हमारे मानसिक एवं आध्यात्मिक सुरक्षा को नष्ट करते, दूसरों के दुखों के प्रति असंवेदनशील बनाते और अंत में हमें क्रूर बना डालते है।

संत पापा ने लोकप्रिय आंदोलनों की तीसरी विश्व सभा के प्रतिनिधियों द्वारा कार्य करने वालों को प्रतिष्ठा प्रदान किये जाने की सराहना की जो अपनी सहकारी समितियों द्वारा बेरोजगार कम करने का प्रयास करते हैं। 

उन्होंने विस्थापितों की मदद करने हेतु उन्हें धन्यवाद दिया तथा लेसबोस द्वीप के दृश्य की याद की जहाँ कई बच्चों की नजरें मानवता की दिवालियापन प्रदर्शित करते हैं। संत पापा ने संगठनों से कहा कि वे संकट से गुजर रहे लोकतंत्र के पुनरूद्धार करने एवं पुनः स्थापना हेतु बुलाये गये हैं। 








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