2016-11-04 15:10:00

युवा बाज के समान हैं


भारत, शुक्रवार, 04 नवम्बर 2016 (फीदेस) आज की युवा पीढ़ी बाज के समान है जो वर्षा के समय आश्रय के बजाय बदलों से ऊपर उड़ जाता है उक्त बातें युवा सम्मेलन के अध्यक्ष जलंधर के धर्माध्यक्ष फ्रांको मुलाक्कल ने तिवेन्द्रम में आयोजित चौथी युवा सम्मेलन के दौरान युवाओं को संबोधित करते हुए कही।

सम्मेलन के दौरान पूछे गये एक सवाल, “आप क्यों और कैसे युवा प्रेरित कार्य को भारत में संचालित करना चाहते हैं?” इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, “युवा में विश्वास घटता प्रतीत होता है वे संस्कृति और तकनीकी द्वारा दिग्भ्रमित दिखाई देते हैं।” उन्होंने कहा कि लातीनी धर्माध्यक्षीय संघ के रुप में हम उनमें सकारात्मक विचार लाना चाहते हैं। चील जिस तरह पानी आने पर पनाह की खोज करने के बदले बदलों के ऊपर उड़ता है हम अपने युवाओं को उसी तरह बनाना चाहते हैं जिससे वे मुसीबतों के शिकार नहीं वरन् जीवन ऊँचाई को प्राप्त कर सकें।

फीदेस को दिये गये समाचार के अनुसार इस युवा सम्मेलन में स्थानीय कलीसिया, पल्लियों के लोकधर्मी और धर्मप्रान्तीय युवा संचालकों के आलवे 150 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। सम्मेलन के दौरान युवाओं के लिए पल्लियों में प्रेरितिक कार्य और उन्हें कैसे पल्ली के कार्यों और उतरदायित्वों में सम्मिलित किया जाये जैसे मुद्दों पर विचार-मंथन किये गये। धर्माध्यक्ष मुलाक्कल ने कहा कि आज के युवा कल के परिवार हैं और ये परिवार पल्ली समुदाय का निर्माण करते हैं। यद्यपि हमारे देश में आधा से अधिक आबादी युवाओं की है लेकिन उनके लिए सामाजिक, शिक्षण और व्यावसायिक प्रशिक्षणों का अभाव है जिससे कारण वे अपने को सामाजिक जीवन के ताने-बाने से संयुक्त नहीं कर पाते हैं। कलीसिया के संदर्भ में भी यह बात सच है युवाओं को विरले ही कलीसिया के प्रेरितिक कार्य का अंग बनाया जाता है जिसका परिणाम यह होता है कि वे सुसमाचार के गुणों को अपने जीवन में आत्मसात नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पल्लियों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे युवाओं के लिए प्रेरितिक कार्यों का प्रचलन करे और इसके लिए पल्लियों को युवाओं के प्रति मित्रता और स्वागत के भाव रखने की जरूरत है। 








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