2016-11-04 14:59:00

जंयती वर्ष के समापन की रुपरेखा


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 03 नवम्बर 2016 (वी आर सेदोक): नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिनो फिसीकेला ने करुणा की जयंती वर्ष के समापन हेतु कार्यक्रमों की रुपरेखा की घोषणा की।

बृहस्पतिवार को जारी किये गये मुख्य क्रार्यकमों की सूची के मुताबिक 5 और 6 नवम्बर को कैदियों हेतु जयंती दिवस रखा गया है जबकि समाज से पृथक किये गये लोगों के लिए जयंती दिवस 11 से 13 नवम्बर को निर्धारित की गई है। कैदियों के लिए आयोजित इस जयंती दिवस में, दोषी करार स्पानी कैदियों के एक दल के साथ विभिन्न देशों के कैदी जो इटली के कैदखानों में सज़ा काट रहे हैं तथा सैकड़ों की संख्या में जिन्हें पैरोल के तहत रिहा किया गया है और वे जो अपनी सज़ा समाप्त कर समाज में व्यवस्थित होने का प्रयास कर रहे हैं इस जयंती दिवस में सहभागी होंगे। नवीन सुसमाचार हेतु गठित परमधर्मापीठ के अनुमान के तहत करीब एक हजार कैदी जो वर्तमान में जेल की सज़ा काट रहे हैं या काट चुके हैं उनका इस जयंती दिवस में सहभागी होने की संभवना है।

महाधर्माध्यक्ष फिलीकेला ने कहा कि शनिवार को उनके लिए पापस्वीकार संस्कार की धर्मविधि का आयोजन जयंती गिरजाघरों में किया गया जिसके उपरान्त वे संत पेत्रुस महागिरजाघर के पवित्र द्वारा की तीर्थयात्रा करेंगे। कैदियों के लिए जयंती ख्रीस्तयाग का आयोजन रविवार को 10 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में होगा। मिस्सा के पहले चार व्यक्तियों के द्वारा इस बात का साक्ष्य दिया जायेगा कि अपराध और सज़ा के अनुभवों ने किस तरह उनके जीवन में परिवर्तन की नई बयार लाई है।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, “हम उनके अनुभवों से रूबरू होंगे और यह समझने का प्रयास करेंगे कि करुणा का विषय एक सैद्धांतिक शब्द नहीं लेकिन यह दैनिक जीवन में होने वाला एक सच्चा कार्य हैं जो सही अर्थ में वास्तविक जीवन की चुनौती का प्रतिनिधित्व करता है।”

इसके बाद आने वाला सप्ताह समाज से बहिष्कृत लोगों हेतु जयंती दिवस होगा जो शुक्रवार 11 नवम्बर से शुरू होकर 13 नवम्बर को समाप्त होगा। ये दिन उन लोगों के लिए विशेष रुप से समर्पित हैं जो किसी घातक बीमारी, परिवार से परित्यक्त, अकेलेपन, बिना आश्रय के एक मुश्किल-सी जिन्दगी व्यतीत करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों को हम रोज दिन अपने जीवन में देखते हैं लेकिन हमारी आंखें उन्हें देखना नहीं चाहती हैं जिन्हें देखकर हम अपनी आंखें दूसरी ओर फेर लेते हैं।” उन्होंने कहा कि फाँस, जर्मनी, पुर्तगाल, इंग्लैण्ड. स्पेन, पोलैण्ड, नीदरलैण्डर्स, इटली, हंगरी, स्लोवाकिया, क्रोवेशिया और स्विट्जरलैंड जैसे विभिन्न देशों के करीब 6 हजार लोगों के आने की संभावना है।

परित्यक्त लोगों के लिए जयंती कार्यक्रमों की शुरूआत, शुक्रवार को 11.30 बजे संत पापा पौल 6वें सभागार में होगी जहाँ वे संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात करेंगे जो उनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को सुनेंगे। रोम के अन्य गिरजाघरों में शनिवार को दूसरे लोगों के साक्ष्यों को सुने का अवसर दिया जायेगा।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि रविवार 13 नवम्बर, रोम के तीन महागिरजाघरों : संत पौल महागिरजाघर, संत जोन लतारेन और मेरी मेजर महागिरजाघर के पवित्र द्वारों से साथ विश्व भर के करुणा और तीर्थस्थलों के पवित्र द्वारों को बंद करने का दिन होगा। “हम विश्वास करते हैं कि जयंती दिवस के ये दो दिन लोगों के लिए गहन प्रार्थना के दिन होंगे जैसे की प्रार्थना के माहौल को पूरे जयंती वर्ष में देखा गया है।”








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