2016-11-02 11:41:00

शरणार्थियों के प्रति उदारता का सन्त पापा फ्राँसिस ने किया आह्वान


वाटिकन सिटी, बुधवार, 2 नवम्बर 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने यूरोपीय राष्ट्रों से आग्रह किया है कि वे शरणार्थियों की व्यथा से घबरायें नहीं अपितु उनके प्रति उदारता का प्रदर्शन करें।

स्वीडन में अपनी दो दिवसीय यात्रा सम्पन्न कर मंगलवार को रोम तक अपनी वापसी विमान यात्रा के दौरान सन्त पापा ने विविध विषयों पर पत्रकारों को आलोकित किया। इनमें, शरणार्थी समस्या, महिला पुरोहिताभिषेक, ख्रीस्तीय नवदीक्षार्थी अभियान, वेनेज़ूएला के राष्ट्रपति के साथ बातचीत, धर्म के प्रति बढ़ती उदासीनता तथा मानव तस्करी जैसे गम्भीर मुद्दे शामिल थे।

शरणार्थियों के बारे में सन्त पापा ने कहा, "कठिनाई में पड़े लोगों के समक्ष हृदय के दरवाज़ों को बन्द नहीं किया जा सकता।" हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि शरणार्थियों का स्वागत करनेवाले राष्ट्रों को यह सुनिश्चित्त करना चाहिये कि आगन्तुकों का मेज़बान देशों में एकीकरण हो सके तथा वे समाज के अभिन्न अंग बन सकें।

शरणार्थियों एवं आप्रवासियों के अलगाव तथा उनके विरुद्ध भेदभाव के प्रति भी सन्त पापा ने चेतावनी दी और स्मरण दिलाया कि शरणार्थी लोग युद्ध, क्षुधा एवं राजनैतिक उत्पीड़न आदि के कारण अपने घरों का परित्याग करने को बाध्य होते हैं।  

शरणार्थियों का स्वागत करने के लिये स्वीडन की उन्होंने सराहना की जिसने आरम्भ ही से अपने यहाँ शरणार्थियों को पनाह दी है। इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि स्वीडन की कुल आबादी मात्र 90 लाख है किन्तु इनमें साढ़े आठ लाख शरणार्थी एवं आप्रवासी हैं। इस प्रकार, स्वीडन यूरोप के अन्य देशों के लिये आतिथ्य का उत्तम आदर्श है।

सन्त पापा ने कहा कि शरणार्थी एवं आप्रवासी में भेद नहीं किया जाना चाहिये क्योंकि आप्रवास एक मानवाधिकार है जिससे किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने कहा कि  दोनों के स्वागत के अलग-अलग नियम हैं जिनका पालन किया जाना अनिवार्य है।

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि यूरोपीय महाद्वीप की संरचना आप्रवास से ही हुई है। उन्होंने कहा कि शरण मांगनेवाले के आगे हृदय का दरवाज़ा बन्द नहीं किया जा सकता, यह मानवीय नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बहिष्कार के भविष्य में दुखद परिणाम हो सकते हैं। इस तथ्य की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि जो संस्कृतियाँ अन्य संस्कृतियों के साथ घुल-मिल कर नहीं रहती हैं उनपर विकसित न होने का ख़तरा बना रहता है।








All the contents on this site are copyrighted ©.