2016-10-28 16:18:00

येसु की प्रार्थना हमारे जीवन का आधार


वाटिकन  रेडियो, शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016 (वी आर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में कहा   कि येसु की प्रार्थना हमारे जीवन का मूलभूत आधार है।

उन्होंने कहा कि येसु अपने शिष्यों का चुनाव करने के पूर्व अपने पिता से लम्बी और कठिन प्रार्थना करते हैं। कलीसिया की नींव येसु ख्रीस्त की प्रार्थना है जिसे वे हमारे लिए अपने पिता से करते हैं। “येसु पर्वत के ऊपर जाते और सारी रात ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।” इस तरह अपनी प्रार्थना के उपरान्त वे अपने बाकी कामों के पूरा करते हैं जैसे चेलों का चुनाव, रोगियों की चंगाई, अपदूतों को निकालना इत्यादि। येसु प्रार्थना करते हैं और कलीसिया हेतु निरन्तर प्रार्थना करते हैं और उनकी यह प्रार्थना कलीसिया की नींव बनती है।
संत पापा ने कहा कि येसु सदैव प्रार्थना करते हैं। इसे हम अंतिम व्यारी में देखते, उनके किसी भी चमत्कार के पहले हम उन्हें प्रार्थना करते  देखते और सुनते हैं। लाजरूस को जीवन देने के पूर्व उन्होंने अपने पिता से प्रार्थना की। उन्होंने ज़ैतून पर्वत के ऊपर प्रार्थना की, उन्होंने क्रूस पर प्रार्थना करते हुए अपने जीवन को पिता के हाथों में सौंप दिया। इस तरह यह येसु की प्रार्थना है जो हमारी सुरक्षा है। संत पापा ने कहा, “वे मेरे लिए, आप के लिए हम सबों के लिए प्रार्थना करते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हम कलीसिया के रहस्य पर चिंतन करें तो हम पायेंगे कि येसु सबों के लिए प्रार्थना करते हैं। वे प्रेत्रुस से कहते हैं कि मैंने तुम्हारे लिए प्रार्थना की है जिससे तुम अपने विश्वास में अडिग बने रहो। येसु की प्रार्थना हमें सुरक्षा प्रदान करती है और उनकी प्रार्थना के बदौलत हम एक समुदाय के रुप, कलीसिया के मजबूत अंग बने रहते हैं। 








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