2016-10-26 12:16:00

सुसमाचार उदघोषणा हेतु परिवार अपरिहार्य, कार्डिनल ग्रेशियस


मुम्बई, बुधवार, 26 अक्टूबर 2016 (सेदोक): मुम्बई में सन्त पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक उदबोधन "आमोरिस लेतित्सिया" पर मंगलवार को सम्पन्न एक विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑसवर्ल्ड ग्रेशियस ने कहा कि सुसमाचार प्रचार कार्य में परिवारों की भूमिका अपरिहार्य है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान विश्व सापेक्षवाद, व्यक्तिवाद, उदासीनता और भलाई करने में असक्षमता  जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है और ऐसी परिस्थिति में परिवारों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि परिवार प्रेरिताई कलीसिया की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि धर्मविधि एवं संस्कारों द्वारा परिवार को अनवरत पोषित किया जाना चाहिये। परिवार पर सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय के विश्व पत्र "फामिलियिरस कॉनसोरसियो" तथा सन्त पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक उदबोधन "आमोरिस लेतित्सिया" को उद्धृत कर उन्होंने कहा, "परिवार के माध्यम से ही मानवता का भविष्य निर्मित होता है इसलिए यह अपरिहार्य और नितान्त आवश्यक है कि हर शुभचिन्तक व्यक्ति परिवार के विकास एवं पारिवारिक मूल्यों को प्रोत्साहन देने में अपना योगदान प्रदान करे।"

कार्डिनल ग्रेशियस ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि भारतीय परिवारों की दैनिक समस्या के मद्देनज़र ही भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने भोपाल में 31 जनवरी से सात फरवरी तक निर्धारित अपनी आगामी द्विवार्षिक सभा में परिवार के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों पर विशद विचार-विमर्श का फैसला लिया है।








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