2016-10-26 12:21:00

शांति निर्माण में महिलाओं की भागीदारी की महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने की मांग


न्यू यॉर्क, बुधवार, 26 अक्टूबर 2016 (सेदोक): न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मुख्यालय में महिलाओं, शांति एवं सुरक्षा विषय पर हुए गहन विचार विमर्श सत्र के दौरान मंगलवार को परमधर्मपीठ के पर्यवेक्षक, वाटिकन के वरिष्ठ धर्माधिकारी, महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने शांति कायम रखने तथा शांति निर्माण कार्य में महिलाओं की भूमिका को संवर्धित करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि युद्ध को रोकने, युद्ध की स्थिति में मध्यस्थता करने तथा युद्धोपरान्त लोगों के पुनर्वास एवं पुनर्मिलन कार्यों में महिलाएँ महान योगदान दे सकती हैं।

महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा, "अस्त-व्यस्तता से कानून और नियम लाने, समुदाय को विभाजन से बचाने, संघर्षों से शांति तथा लोगों को अन्यों की ज़रूरतों के प्रति उदार एवं संवेदनशील बनने हेतु प्रशिक्षित करने की उनकी अपार क्षमता और योग्यता द्वारा महिलाएँ हमारे विश्व को युद्ध और हिंसा के अभिशाप से बचा सकती हैं।"    

उन्होंने कहा, "शांति और सुरक्षा निर्माण कार्य में महिलाओं की क्षमताओं के उपयोग हेतु अन्तरराष्ट्रीय प्रयास की नितान्त आवश्यकता है।"  

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जब तक महिलाएँ अधिकारों से वंचित रहेंगी तब तक इस प्रयास को कार्यरूप नहीं दिया जा सकता। इसके लिये, उन्होंने कहा, "किशोरियों की शिक्षा पर ध्यान देना, उन्हें गुणकारी शिक्षा उपलब्ध कराना तथा उनके विरुद्ध किसी प्रकार का भेदभाव न करना ज़रूरी है इसलिये कि शिक्षा वह माध्यम है जो महिलाओं को अपने परिवारों और समुदायों में ही नहीं अपितु समाज और विश्व में भी शांति एवं सुरक्षा में उचित योगदान के काबिल बना सकता है।"








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