2016-10-20 16:00:00

मेल-मिलाप एवं वार्ता येसु समाज के लिए प्राथमिक मुद्दे, फा. सोसा


रोम, बृहस्पतिवार, 20 अक्तूबर 2016 (वीआर सेदोक): येसु समाज के नये सुपीरियर जेनेरल फा. अर्तुरो सोसा ने कहा कि विभाजित एवं घायल विश्व में मेल-मिलाप एवं वार्ता को प्रोत्साहन देना ही येसु समाजियों की प्राथमिकता है।

धर्मसमाज की 36वीं आमसभा ने फा. अर्तुरो सोसा को अपना नया सुपीरियर जेनेरल चुना है जो यूरोपीय देशों के बाहर से चुने जाने वाले प्रथम सुपीरियर जेनेरल होंगे।

मंगलवार को येसु समाज के एक प्रेस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए फा. सोसा ने येसु धर्मसमाज के सर्वोच्च अधिकारी चुने जाने पर अपना अनुभव बतलाते हुए कहा कि वे शांत, विस्मित और कृतज्ञ थे तथा धर्मसमाज की 36वीं आम सभा में विचार-विमर्श की जा रही चुनौतियों का आनन्द के साथ उत्तर देने के लिए तैयार हैं। 

संत पेत्रुस महागिरजाघर के बिलकुल करीब धर्मसमाज के मुख्य घर में अपना वक्तव्य पेश करते हुए उन्होंने अपने पूर्व अधिकारी फा. अडोल्फ निकोलास को धन्यवाद दिया जो एक मिशनरी रूप में फिलीपींस जायेंगे तथा पूर्व एशियाई प्रेरितिक संस्थान में आध्यात्मिक निदेशक के रूप ने अपनी सेवा प्रदान करेंगे।

पत्रकारों के सवालों का उत्तर देते हुए नये फा. जेनेरल ने अपने देश वेनेजुएला की राजनीतिक संकट पर प्रकाश डाला जहाँ सरकार एवं विपक्ष पार्टी, वार्ता हेतु सेतु का निर्माण करने में असफल हैं। तेल की घटती आमदनी पर निर्भर रहने एवं राजनीतिक समझौता की कमी के कारण देश की स्थिति गंभीर पीड़ा के समान हो गयी है।

आने वाले दिनों में येसु समाजियों की प्राथमिकता के सवाल पर फा. सोसा ने कहा कि सभा में, अंतरधार्मिक वार्ता, गरीबी का सामना, आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के लिए काम करने आदि की बात चल रही है जो पिछले 2008 की आम सभा में शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि सभी ख्रीस्तीय मेल-मिलाप हेतु कार्य करने के लिए बुलाये गये हैं। आज, यद्यपि आर्थिक, गैरकानूनी हथियार व्यापार एवं मानव तस्करी के बोलबाला के कारण बहुधा यह असम्भव प्रतीत होता है तथापि येसु समाजियों के दो मुख्य लक्ष्य हैं, कलीसिया के विश्वास को बनाये रखना तथा खोज एवं शिक्षा द्वारा विश्व के प्रति समझदारी को गहरा करना। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण की प्राथमिकता जारी रहेगी ताकि सुसमाचार का साक्ष्य दिया जा सके तथा हमारे समय की राजनीतिक, आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर न्याय के लिए कार्य किया जा सकेगा।

काले रंग के कैसक (पुरोहितों के परिधान) धारण करने के कारण येसु समाजियों के सुपीरियर जेनेरल को ब्लैक पोप की संज्ञा दी जाती है जो धर्मसमाज के आरम्भिक दिनों में एक विशेषाधिकार का द्योतक भी था, इसपर फा. सोसा की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने इस नाम को बहुत अधिक पसंद नहीं किया क्योंकि आज येसु समाजी पहली पंक्ति पर रहने की अपेक्षा सेवा करने पर अधिक महत्व देते हैं यद्यपि धर्मसमाज में 70 धर्माध्यक्ष एवं एक संत पापा हैं धर्मसमाज के सदस्य संत पापा के प्रति आज्ञाकारी बने रहने हेतु विशेष व्रत लेते हैं ताकि कलीसिया को हर परिस्थिति में बेहतर सेवा दे सकें। 








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