2016-10-12 15:00:00

भारतीय सेल्सियन: बाल विवाह से बचने के लिए "बच्चों की संसद"


रोम, बुधवार, 12 अक्टूबर 2016 (एशिया समाचार) : ″बच्ची को दुल्हन बनने से बचाने के लिए हमें शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। न केवल औपचारिक शिक्षा किन्तु अनौपचारिक शिक्षा देने की आवश्यकता है। बच्चों को नैतिक मूल्यों, नैतिक सिद्धांतों को देने की जरूरत है, उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता को मजबूत करने की जरुरत है।″  उक्त बातें भारत में डॉन बॉस्को स्कूलों के पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक फादर एमसी जोर्ज मेनापरम्पिल ने कही। वर्तमान में वे रोम के सालेसियन के मुख्यालय में फंड जमा करने की गतिविधियों का समन्वयक हैं।

फादर ने शिक्षा के परंपरागत रूपों के साथ-साथ, सैंकड़ों बच्चियों को बाल विवाह, घरेलू गुलामी से बचाया है।

उन्होंने कहा कि इसमें वैकल्पिक तरीके से सीधे बच्चों को शामिल किया जाता है उदाहरण के तौर पर डोन बोस्को स्कूलों में 'स्थानीय बच्चों की संसद' परियोजना है इसमें शिक्षक बच्चों के अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनाकर उत्तम नागरिक बनाने में प्रयासरत हैं।

11 अक्टूबर को  अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बचपन बचाओ संगठन ने "हर अंतिम बालिका" प्रकाशित किया। इसके अनुसार प्रति 7 सेकेंड में 15 वर्ष से छोटी बालिका को उम्रदार व्यक्ति से शादी करने के लिए बाध्य की जाती है। अफगनिस्तान, यमन, भारत और सोमालिया आदि देशों में 10 वर्ष से भी कम उम्र की बच्चियों की शादी करायी जाती है।

हाल में यूनिसेफ के सर्वेक्षण द्वारा पता चला है कि आज भी 700 लाख महिलाओं की शादी बचपन में हुई थी। अगर इसी तरह संख्या बढ़ेगा तो सन् 2013 तक में संख्या 950 करोड़ हो जायेगी।

 फादर मेनपरम्पिल ने कहा कि 'स्थानीय बच्चों की संसद' परियोजना को बाल विवाह रोकने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इस परियोजना के तहत बच्चों को छोटे दलों में जमा किया जाता है और शिक्षकों की सहायता से परिवार की समस्याओं और शोषण की स्थितियों पर चर्चा करते हैं। "

11 से 18 वर्ष के बालक बालिकाओं को  25 या 30 की संख्या में एक दल बनाया जाता है। प्रजातंत्र तरीके से इस दल में काम किया जाता है। दल के संचालन के लिए एक प्रधान मंत्री और अन्य मंत्रीगण होते हैं जो सभा अजेन्डा तैयार करते हैं।  इस दल में बच्चे  अपने मौलिक अधिकारों तथा विशेष अधिकारों के बारे चर्चा करते हैं। शिक्षक समय समय पर सामाजिक समस्याओं, विशेष रूप से अपने परिवार या समाज से पीडि़त अधिकारों के उल्लंघन की पहचान करने में मदद करते हैं। 








All the contents on this site are copyrighted ©.