2016-10-05 15:26:00

जार्जिया और अजरबैजान की प्रेरितिक यात्रा का मूल्यांकन


वाटिकन सिटी, बुधवार 05 अक्टूबर 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में जमा हुए हज़ारों विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को अपनी जोर्जिया और अजरबैजान की प्रेरितिक यात्रा का विवरण देते हुए कहा

प्रिय भाइयो एवं बहनो सुप्रभात,

पिछले सप्ताह मैंने जोर्जिया और अजरबैजान की अपनी प्रेरितिक यात्रा पूरी की। मैं ईश्वर का धन्यवाद करते हुए अपनी कृतज्ञता दोनों देशों के सरकारी अधिकारियों और धार्मिक नेता के प्रति प्रकट करता हूँ, विशेषकर, जार्जिया के प्राधिधर्माध्यक्ष ईला द्वितीय और काकेशियान मुसलमानों के शेख का। मैं भ्रातृत्व स्नेह से सभी धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मबंधुओं और सभी विश्वासियों का धन्यवाद अदा करता हूँ जिन्होंने मुझे अपनी स्नेह का एहसास दिया।

मेरी यह प्रेरितिक यात्रा जून के महीने में शुरू की गई अरमेनिया की प्रेरितिक यात्रा का अंग था जो पूरा हो गया। इस तरह मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर का धन्यवाद करता हूँ जिनकी इच्छा और अभियोजन में तीनों काकेशस देशों की मेरी तीर्थयात्रा पूरी हुई जहाँ मैंने काथलिक कलीसिया को शांति और भ्रातृत्व में अपने विश्वास को सजीव बनाये रखने हेतु प्रोत्साहित किया। इस तीर्थ के दौरान दो आदर्श वाक्यों जोर्जिया हेतु “आप को शांति” और अजरबैजान के लिए “हम सब भाई है” की भी अभिव्यक्ति हुई। 

इन दोनों देशों की अपनी प्राचीनतम संस्कृति और धार्मिक ऐतिहासिक जड़े हैं लेकिन इस वक्त दोनों देश एक नये दौर से होकर गुजर रहे हैं, वास्तव में, दोनों देश इस साल सोवियत के प्रभुत्व से अपनी स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। इस समय वे सामाजिक स्तर पर विभिन्न तरह की मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। काथलिक कलीसिया को इस समय विशेषकर करुणा और मानवता के नाम पर उनके समीप रहने की जरूरत है। वह दूसरी कलीसियाओं और अन्य ख्रीस्तीय समुदायों के साथ एकता और वार्ता द्वारा इस बात का साक्ष्य प्रस्तुत कर सकती है कि हम सब ईश्वर पिता के बेटे-बेटियाँ, भाई-बहन के समान हैं।

संत पापा ने कहा कि जोर्जिया में हमारा यह प्रेरितिक कार्य प्राकृतिक रुप से अपने आर्थोडोक्स भाइयों के साथ सहयोग में होता है जो कि जनसंख्या के दृष्टिकोण से बहुमत में हैं। इस तरह त्बिलिसी के हवाई अड्डे पर पहुंचने पर प्रजातंत्र राष्ट्र के राष्ट्रपति के संग अति मान्यवर प्राधिधर्माध्यक्ष ईला द्वितीय को भी मैंने अपने स्वागर्ताथ उपस्थित पाया जो एक अति महत्वपूर्ण निशानी है। दोपहर को हमारी मुलाकात का बहुत ही हृदयस्पर्शी क्षण था जहाँ हमने पितृसत्तात्मक महागिरजाघर का दौरा करते हुए येसु के स्मृति चिन्ह उनके कपड़े की आराधना की जो महागिरजाघर की निशानी है। हमारे इस संयोजन में विभिन्न ख्रीस्तीय विश्वासी लोहू गवाहों ने हमारा साथ दिया। इसमें असीरियाई-खलदेई समुदाय प्रमुख थे जिनके साथ हमने त्बिलिसी में एक गम्भीर प्रार्थना के क्षण व्यतीत किया जहाँ हमने सीरिया, ईराक और पूरे मध्य पूर्वी क्षेत्र में शांति व्यवस्था हेतु प्रार्थना की।

बालक येसु की संत तेरेसा के पर्व दिवस के अवसर पर जो प्रेरिताई कार्यों की संरक्षिका हैं लातिनी काथलिक, आर्मीनियाई और असीरियाई-खलदेई हमने एक साथ मिला कर जार्जिया में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। वह हमें इस बात की याद दिलाती है कि सच्ची प्रेरिताई कार्य धर्म-परिवर्तन नहीं लेकिन येसु ख्रीस्त के प्रति हमारा आकर्षण है जो हमारे प्रार्थना, उपासना, करुणा के ठोस कामों द्वारा होती है जिसे हम अपने भाई-बहनों की सेवा में करते हैं। संत पापा ने कहा कि त्बिलिसी और बाकू के धर्मी भाई-बहनें अपने को अपनी प्रार्थना और अपने करुणा के कामों द्वारा प्रसारित करते हैं। मैंने उन्हें तथा ख्रीस्तीय भाई-बहनों को विश्वास, यादों, साहस और आशा में सुदृढ़़ बने रहने हेतु प्रेरित किया।

इस तरह की प्रेरितिक उपस्थिति ईश्वरीय राज्य के बीज के समान है अजरबैजान में तो और अधिक जहाँ ख्रीस्तीय मुसलमानों की बहुलता के बीच कुछ सौ की संख्या में रहते हैं लेकिन हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं कि उनके बीच अच्छे संबंध हैं, विशेषकर, अर्थोडोक्स ख्रीस्तीयों के साथ भ्रातृत्व की भावना है। अजरबैजान की राजधानी बाकू में हमने विश्वास के दो क्षणों, मिस्मा बलिदान और अन्तरधार्मिक वार्ता का अनुभव किया, विशेषकर, किस तरह सच्ची सामंजस्य की स्थिति बनाई जाये। ख्रीस्तीय समुदाय के साथ मिस्सा जहाँ हमने पवित्र आत्मा की एकता जो भाषाओं की विभिन्न के बावजूद हमें अपने साक्ष्य की प्रेरणा प्रदान करता है जिसके द्वारा हम एक दूसरे से वार्ता करने हेतु प्रेरित होते जो एक ईश्वर में हमारे विश्वास की बात कहता है और इस तरह हम एक साथ मिल कर विश्व में प्रेम की स्थापना करने को प्रेरित होते हैं। अजरबैजान के आधिकारियों को अपने संबोधन के द्वारा मैं यही आशा करता हूँ कि वे काकेशस के लोगों में शांति बहाल करने का प्रयास करेंगे। इतना कहने के बाद संत पापा ने आर्मीनिया, जोर्जिया और अजरबैजान हेतु ईश्वर से आशीष की कामना की और आमदर्शन समारोह में उपस्थित सभों का अभिवादन करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। 








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