2016-10-04 11:40:00

मृत गायों को दफन करते थक चुके गुजरात के दलित हड़ताल पर


अहमदाबाद सिटी, मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016 (एशियान्यूज़): गुजरात के दलित, हिन्दू धर्म में पवित्र मानी जानेवाली गाय की हत्या के आरोपी, चार युवकों की क्रूर पिटाई के बाद लगभग दो महीनों से हड़ताल पर हैं। 

हड़ताल गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में शुरू हुई जहाँ कथित पशु संरक्षक हिन्दू चरमपंथियों ने, गोहत्या के आरोप में, चार युवकों की हिंसक पिटाई की थी।

जुलाई माह में सार्वजनिक जिस्मानी सज़ा का एक वीडियो वायरल हो चला था जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया था।

हिन्दू राष्ट्रवादियों ने एक मृत गाय की खाल निकालने के लिये युवाओं को बुरा तरह से पीटा था किन्तु बाद में अधिकारियों ने निष्कर्ष निकाला कि गाय को युवकों ने नहीं अपितु एक जंगली शेर ने मार डाला था। इस प्रकार दलित युवकों को उस काम के लिये पीटा गया जो वे, हिन्दू धर्म के अनुसार, सदियों से करते आ रहे हैं।

दलित लोग गुजरात की कुल आबादी का सात प्रतिशत हैं जो अब मृत गायों की खाल उतारने से इनकार कर रहे हैं। इसी बीच, राजनीतिज्ञ भी आगामी वर्ष के चुनावों के लिये दलितों को अपनी ओर आकर्षित करने के जोड़-घटाव में लगे हैं।

गायों की खाल निकालनेवाले एक व्यक्ति ने पत्रकारों से कहा, "हम भूखे रह जायेंगे किन्तु अब गायों की खालें नहीं निकालेंगे। अब लड़ाई हमारी प्रतिष्ठा और मान-मर्यादा के बारे में है।   

दलितों के बीच काम करनेवाले नाथूभाई परमार ने कहा, "इस बार हम झुकेंगे नहीं। हम लम्बी लड़ाई लड़ने के लिये तैयार हैं।"

भारत की लगभग 16 प्रतिशत जनता अर्थात् 20 करोड़ लोग दलित हैं जिनके विरुद्ध भेदभाव होता रहा है।








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