2016-10-02 12:18:00

धैर्य, विश्वास एवं सम्वाद से विभाजन को दूर करने का सन्त पापा ने किया आह्वान


त्बिलीसी, रविवार, 02 अक्टूबर सन् 2016 (सेदोक): सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा फ्राँसिस ने शनिवार को जॉर्जिया में धैर्य, विश्वास एवं सम्वाद द्वारा ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीयों एवं काथलिकों के बीच विद्यमान ऐतिहासिक विभाजन के घावों को भरने का आह्वान किया।

जॉर्जिया में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस जॉर्जियाई ऑर्थोडोक्स कलीसिया के साथ सम्बन्धों के सुधार का प्रयास करते रहे हैं किन्तु शनिवार को उनके इन प्रयासों को धक्का तब लगा जब त्बिलीसी के मेस्खी स्टेडियम में सम्पन्न ख्रीस्तयाग समारोह में जोर्जियाई ऑरथोडोक्स कलीसिया का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुँचा। जॉर्जिया के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का विवरण देते हुए कुछ ही दिनों पूर्व वाटिकन के प्रवक्ता ग्रेग बुरके ने संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि ऑरथोडोक्स कलीसिया का विशिष्ठ प्रतिनिधिमण्डल ख्रीस्तयाग समारोह में शामिल होगा। इसके अतिरिक्त, सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा सम्पन्न 16 विदेश यात्राओं में यह पहला मौका था जब उनके नेतृत्व में सम्पन्न किसी सार्वजनिक समारोह में इतने कम लोग उपस्थित हों। स्टेडियम में 27,000 लोगों की व्यवस्था थी किन्तु लगभग 15 हज़ार श्रद्धालु ही ख्रीस्तयाग समारोह में उपस्थित हुए।

जॉर्जियाई ऑर्थोडोक्स कलीसिया ने समारोह से मात्र 12 घण्टों पूर्व वाटिकन के अधिकारियों को इत्तला कर दिया था कि ऑरथोडोक्स प्रतिनिधिमण्डल समारोह में उपस्थित नहीं हो पायेगा। प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ के प्रवक्ता नातो आसातियानी का कहना था कि काथलिक धर्मविधि, ऑर्थोडोक्स धर्मविधि से, बहुत भिन्न है इसलिये उसके श्रद्धालु पूरी तरह से समारोह में शामिल होने में असमर्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि जॉर्जियाई ऑर्थोडोक्स कलीसियाई प्रतिनिधिमण्डल की अनुपस्थिति दोनों पक्षों की सहमति का परिणाम था। ग़ौरतलब है कि कुछेक धर्मतत्व वैज्ञानिक  मुद्दों को लेकर 1054 ई. में ऑरथोडोक्स कलीसिया रोमी काथलिक कलीसिया से अलग हो गई थी। विश्व में विभिन्न ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय कलीसियाओं के लगभग 25 करोड़ अनुयायी हैं।

सन्त पापा फ्राँसिस की अभिलाषा है कि प्रभु येसु ख्रीस्त के सभी अनुयायी उनके आदेशानुसार एकसूत्र में बँधें इसलिये अपनी प्रेरितिक यात्राओं के दौरान वे सदैव ऑरथोडोक्स कलीसियाओं एवं अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के साथ सम्वाद का आग्रह करते रहे हैं। शनिवार को काथलिक पुरोहितों से मुलाकात के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने उनसे कहा कि किसी भी प्रकार से ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीयों का धर्मान्तरण नहीं किया जाये अपितु आरथोडोक्स ख्रीस्तीयों के सदृश ही उनका सम्मान किया जाये। उन्होंने कहा, "वे काथलिकों के भाई और बहन हैं, एक ही ईश्वर की सन्तान।"   

शनिवार को जॉर्जिया के ऑर्थोडोक्स महागिरजाघर में प्राधिधर्माध्यक्ष इलिया द्वितीय के साथ सन्त पापा फ्राँसिस ने दीप प्रज्वलित किया तथा एक साथ मिलकर प्रार्थना की। इस अवसर पर सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय धर्म पर घाव करनेवाले ऐतिहासिक विभाजनों को धैर्य, विश्वास एवं वार्ताओं द्वारा दूर किया जाना चाहिये। महागिरजाघर में बजती घण्टियों एवं भक्तिगीतों के बीच उन्होंने कहा, "येसु ख्रीस्त में एक होने के लिये तथा बपतिस्मा प्राप्त लोगों के बीच बने सभी मतभेदों एवं विभाजनों को समाप्त करने के लिये हम सब बुलाये गये हैं क्योंकि जो कुछ हमें एकता के सूत्र में बाँधता है वह उससे कहीं अधिक श्रेष्ठ है जो हमें विभाजित करता है।"

त्बिलीसी का ऑरथोडोक्स महागिरजाघर जॉर्जिया की आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है जहाँ चौथी शताब्दी से प्रभु येसु ख्रीस्त के पवित्र अंगरखे को सुरक्षित रखा गया है। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा, "पवित्र अंगरखा, एकता का एक रहस्य, हमारा आह्वान करता है कि हम ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच उत्पन्न ऐतिहासिक विभाजनों की पीड़ा को महसूस करें। ये वही घाव हैं जो प्रभु के शरीर को घायल करते हैं।" उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय आशा हमें यह विश्वास करने के लिये प्रेरित करती है मतभेदों का उपचार किया जा सकता तथा बाधाएँ दूर की जा सकती हैं। वह हमें साक्षात्कार एवं सम्वाद का निमंत्रण देती है।"








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