2016-10-02 10:57:00

जॉर्जिया से सन्त पापा फ्राँसिस पहुँचे अज़रबैजान


बाकू, रविवार, 02 अक्टूबर सन् 2016 (सेदोक): विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस जॉर्जिया एवं अज़रबैजान की प्रेरितिक यात्रा के अन्तिम चरण में पहुँच चुके हैं। शुक्रवार एवं शनिवार का दिन जॉर्जिया में व्यतीत करने के उपरान्त रविवार, 02 अक्टूबर को सन्त पापा अज़रबैजान के एक दिवसीय दौरे पर निकल पड़े। जॉर्जिया से विदा लेते हुए सन्त पापा ने राष्ट्रपति मार्गवेलाशविली के नाम एक तार सन्देश प्रेषित कर कहा, "जॉर्जिया में अपनी दो दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के उपरान्त आप लोगों से विदा लेते हुए, मैं राष्ट्रपति महोदय तथा इस देश की प्रिय जनता के स्वागत एवं आतिथ्य के लिये हार्दिक प्रशंसा व्यक्त करता हूँ। आप सब पर मैं प्रभु ईश्वर के आशीर्वाद का आह्वान करते हुए याचना करता हूँ कि प्रभु प्रचुर मात्रा में आपको शांति एवं समृद्धि का वरदान प्रदान करें।" 

जॉर्जियाई समयानुसार रविवार प्रातः आठ बजे सन्त पापा त्बिलीसी के हवाईअड्डे से अज़रबैजान के लिये रवाना हुए। अन्तरधार्मिक वार्ताओं को प्रोत्साहन देना उनकी अज़रबैजान यात्रा का प्रमुख लक्ष्य है जहाँ इस्लाम, यहूदी एवं ख्रीस्तीय धर्मों के लोग शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में जीवन यापन कर रहे हैं। लगभग डेढ़ घण्टों की उड़ान के उपरान्त वे अज़रबैजान की राजधानी बाकू के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैदर अलीएव दी बाकू पधारे जहाँ राष्ट्र के उपप्रधान मंत्री ने उनका हार्दिक स्वागत किया।

अज़रबैजान एक शिया मुस्लिम बहुल देश है। लगभग 95 लाख की कुल आबादी में काथलिकों की संख्या यहाँ मात्र 5,700 है। हालांकि, देश में काथलिकों की संख्या गौण है तथापि देश के मुसलमानों के साथ काथलिक कलीसिया के सम्बन्ध काफ़ी अच्छे हैं। भौगोलिक स्तर पर अज़रबैजान काओकासुस के पूर्वी भाग का एक गणराज्य है जो पूर्वी यूरोप और एशिया के मध्य बसा हुआ है। आर्मेनिया, जॉर्जिया, रूस, ईरान और तुर्की इसके सीमांत देश है तथा इसका तटीय भाग कैस्पियन सागर से लगा हुआ है। जॉर्जिया की तरह ही अज़रबैजान भी सन् 1991 तक भूतपूर्व सोवियत संघ का भाग था।








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