2016-09-30 16:15:00

संत पापा के जार्जिया यात्रा पर त्बिलिसी प्रध्यापक के विचार


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार 29 सितम्बर 2016 (वी आर) जार्जिया काकेशस महाविद्यालय त्बिलिसी के प्रध्यापक मोनिका एलीना ने कहा कि जार्जिया की अपनी प्रेरितिक यात्रा हेतु संत पापा द्वारा चुना गया शांति का नारा विगत वर्षों में हो रहे देश में युद्ध की स्थिति पर एक गहरा छाप छोड़ेगा।

वाटिकन रेडियो की ग्रबियेला चेरासो से अपनी वार्ता के दौरान जार्जिया के महाविद्यालय में राजनीतिक संचार के प्रध्यापक ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस की यह प्रेरितिक यात्रा संत पापा जोन पौल द्वारा सन् 1999 में की गई जोर्जिया की प्रेरितिक यात्रा के 17 वर्षों बाद हो रही है। इन दोनों प्रेरितिक यात्रों की ऐतिहासिक पृष्ट भूमि अलग-अलग है। सन् 1999 में जार्जिया सोवियत शासन से मुक्त होकर अपने विकास को संघर्षरत था जबकि सन् 2016 में आज यह देश पश्चिमी यूरोप में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है। उन्होंने कहा कि यात्रा प्रेरितिक यात्रा अन्तरधार्मिक वार्ता के संबंध में मील का एक पत्थर साबित होगा।

संत पापा द्वारा चुने गये शांति के नारे का देश के राजनायिकों में प्रभाव पर पूछे गये सवाल का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि शांति कि यह अपील देश के लोगों के जेहन में एक गहरा प्रभाव डालेगी क्योंकि बीते सालों में देश को “बहुत से युद्ध, आपसी लड़ाई और अस्थिरता”  की एक विकट परिस्थिति से हो कर गुजरना पड़ा है। 








All the contents on this site are copyrighted ©.