2016-09-29 17:06:00

कलीसिया के प्रतिनिधियों ने किसानों के हित प्रधानमंत्री से मुलाकात की


कोची, बृहस्पतिवार, 29 सितम्बर 2016 (ऊकान): केरल स्थित काथलिक समुदाय के प्रतिनिधियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हुए राज्य के पहाड़ी क्षेत्र के गाँवों जहां सरकार एक संरक्षण परियोजना की योजना बना रही है, उसकी रक्षा के लिए, उनके हस्तक्षेप की मांग की।

कलीकट के धर्माध्यक्ष वार्गिस काक्कालाकाल के नेतृत्व में प्रतिनिधियों के एक दल ने 24 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उस समय मुलाकात की जब वे हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हेतु केरल आये हुए थे। चार सदस्यों वाली इस काथलिक प्रतिनिधि मंडल की मुख्य मांग थी केरल का पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र जहाँ केंद्र सरकार, संरक्षण की एक योजना को लागू करना चाहती है वहाँ किसानों लोगों के अधिकारों की रक्षा।

परियोजना के तहत कृषि कार्य पर रोक लग जायेगी तथा लोगों के रहने हेतु आवास के निर्माण पर भी पाबंदी लगायी जायेगी। कलीसिया के सदस्यों का कहना है कि वन के करीब पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्रों के कारण लगभग 2.5 लाख किसानों जिनमें अधिकतर ख्रीस्तीय हैं उनके सामान्य जीवन पर गहरा असर पड़ेगा।

प्रधानमंत्री को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि ″हम पश्चिमी घाट की परिस्थितिकी की सुरक्षा के विरूद्ध नहीं हैं। हम इसे उन लोगों को ध्यान में रखते हुए लागू किये जाने की मांग करते हैं जो स्थायी रूप से पीढ़ियों से वहाँ रह रहे हैं। किसान पर्यावरण के महत्व को समझते हैं क्योंकि उनका भविष्य पर्यावरण पर ही निर्भर करता है।″

ऊका समाचार के अनुसार कलीसिया के धर्मगुरूओं ने प्रभावित क्षेत्र के 123 गाँवों का प्रतिनिधित्व किया।

ज्ञात हो कि केरल राज्य एक काथलिक बहुल क्षेत्र है जिसकी एक बड़ी संख्या तटीय इलाकों में निवास करती है। कलीसिया के नेता इस बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र मानते हुए, छूट की मांग कर रहे हैं। इस मुलाकात में उन्होंने राज्य के किसानों की कई अन्य समस्याओं को भी सामने रखा। उन्होंने दलित ख्रीस्तीयों के प्रति भेदभाव एवं देश के अन्य भागों में ख्रीस्तीयों पर हो रहे अत्याचार की बात से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया तथा उस पर नियंत्रण कराये जाने की अपील की। 








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