2016-09-27 15:31:00

इस्लामी-ख्रीस्तीय दम्पति : "सह-अस्तित्व संभव है"


ढाका, मंगलवार, 27 सितम्बर 2016 (एशिया समाचार): ढाका महाधर्मप्रांत ने महाधर्माध्यक्ष निवास में विवाहित दम्पत्तियों के वैवाहिक जीवन के अपने अनुभवों को साझा करने हेतु 22 से 24 सितम्बर तक सभा का आयोजन किया था। जिसमें पुरोहितों, धर्मबहनों के साथ 259 काथलिकों ने भाग लिया।

प्रतिभागियों में एक मिश्रित जोड़ी भी शामिल थी असीम गोमेस ख्रीस्तीय और मुनीरा मुस्लिम थी। उनका विवाह 11 साल पहले हुआ। उनकी 8 वर्षीय बेटी है। उन्होंने अपनी बेटी को बपतिस्मा संस्कार कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने एशिया न्यूज़ से कहा, “एक मिश्रित जोड़ी के रुप में जीना एक बड़ी चुनौती है । हम आपस में प्रेम से रहते हैं लेकिन कभी-कभी घर पर हम अपने धर्मों को लेकर विचार विमर्श करते हैं हम दोनों एक दूसरे को यकीन दिलाने की कोशिश करते हैं कि अपना धर्म सबसे अच्छा धर्म है।”

ढाका महाधर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष शोरोत फ्राँसिस गोमेस ने कहा, “हम अंतर्धार्मिक विवाह को प्रोत्साहित नहीं करते, लेकिन वे मौजूद हैं। हमने अशीम और मुनीरा के वैवाहिक जीवन के सुख और दुःख को साझा करने के लिए आमंत्रित किया था जिससे लोग मिश्रित विवाह की वास्तविकता से वाकिफ़ हो सकें और अपने बच्चों को शादी से पहले गंभीरता से चिंतन कर उचित कदम उठाने की सलाह दे सकें।”

गोमेस और मुनीरा ने अदालत में शादी की और फिर वे एक मिश्रित जोड़ी के रूप में कलीसिया से आशीर्वाद प्राप्त किया। दोनों के परिवार वालों ने काफी मना किया पर उनके प्यार के आगे उन्हें झुकना पड़ा।

मुनिरा काथलिक परिवार में रहते हुए भी मुस्लिम है। उसने कहा कि उनकी सास ने उसे अपने धर्म में बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया। वे अपने पति के धर्म का आदर करती हैं। वे अपने पति और बेटी के साथ सभी धार्मिक कार्यों और त्योहारों में भाग लेती हैं।

सेमिनार में अन्य दम्पतियों ने भी अपने वैवाहिक जीवन के सुख-दुख को साझा किया। काथलिक दम्पति लेओ और अलबीना ने कहा, ″पारिवारिक जीवन में खुशियाँ तब आती है जब हम मिलकर एक साथ खाते हैं, प्रार्थना करते हैं बुजुर्गों को प्यार करते और गरीबों की मदद करते हैं। हम एक-दूसरे को माफ करते हैं और इसलिए हम खुश हैं।"








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