2016-09-26 16:20:00

हम शांति को चुनें, धर्माध्यक्ष अरसद


लाहौर, सोमवार, 26 सितम्बर 2016 (वीआर सेदोक): ख्रीस्तीय एवं मुस्लिम मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने भारत एवं पाकिस्तान सरकारों से अपील की है कि वे कश्मीर के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को खत्म करें तथा आपसी विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करें।

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के महासचिव आईए रहमान ने इस मुद्दे पर बातें करते हुए कहा, ″इस पागलपन को रोकना होगा।″ उनके अनुसार इस समय दोनों देशों के लोगों को अपने -अपने सरकारों पर दबाव डालते हुए विवाद को गहराने से रोकना चाहिए।

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के महासचिव ने यह बात ‘पाकिस्तान में गणतंत्र एवं मानव अधिकार: संभावनाएँ और चुनौतियां' विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कही, जो लाहौर में मानवाधिकार शिक्षा के लिए केंद्र द्वारा आयोजित की गयी थी।

पाकिस्तान के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में न्याय एवं शांति विभाग के अध्यक्ष तथा फैसलाबाद के धर्माध्यक्ष जोसेफ अरसद ने एशियान्यूज़ से कहा, ″हम शांति को चुनें। ये दोनों देश सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे के करीब हैं, उन्हें एक साथ बैठकर विचार करना चाहिए। हमें कश्मीर के सभी लोगों के मानव अधिकारों का ख्याल रखना चाहिए। निश्चय ही, यह एक संवेदनशील मुद्दा है किन्तु युद्ध इसका समाधान कतई नहीं है।″ 

सन् 1947 ई. में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय से ही दोनों देशों के बीच वाक युद्ध चल रहा है। विगत 18 सितम्बर को भारत के उड़ी स्थित सैन्य शिविर में 17 भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद यह विवाद बहुत बढ़ गया है।

कश्मीरी क्षेत्र में तनाव के कारण करीब 90 लोगों की मौत हो गयी है तथा 13,000 लोग घायल हैं।

मानवाधिकार शिक्षा के लिए केंद्र के अध्यक्ष सामसोन सालामात ने सम्मेलन के प्रतिभागियों को मिले सफेद स्कार्फ को शांति का प्रतीक मानते हुए कहा, ″सफेद स्कार्फ हमारी शांति की चाह को दर्शाता है और दोनों शक्तियों के बीच संघर्ष जिसमें लाखों लोगों को खतरा है उसका समाधान केवल वार्ता द्वारा ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छ जल की आवश्यकता है।″








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