2016-09-19 16:37:00

हर प्रकार का माफीया अंधकार है जो ईश्वर के प्रकाश को ढंक नहीं सकता


वाटिकन सिटी, सोमवार, 19 सितम्बर 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा ने विश्वासियों से कहा कि विश्वास की ज्योति को प्रज्वलित रखें उसे अंधकार द्वारा ढंकने न दें। ईर्ष्या, सत्ता तथा जलन प्रकाश को ढंकने का प्रयास करते हैं।

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा ने उन सभी प्रकार के कार्यों का विरोध करने का आह्वान किया जो ईश्वर द्वारा प्राप्त प्रकाश को छिपाने का प्रयास करते हैं।

प्रवचन में संत पापा ने संत लुकस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु अपने शिष्यों से कहते हैं, ″तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे।″   

उन्होंने कहा, ″विश्वास के प्रकाश में विचरण तथा खतरा जो बुझा देने की धमकी देता है, लौ को बढ़ा देता है। यह प्रहरी के समान है जो हमें उपहार स्वरूप मिला है और यदि हम प्रज्वलित हैं तो इसका अर्थ है कि हमने बपतिस्मा के दिन प्रकाश के वरदान को प्राप्त किया है। 

संत पापा ने कहा कि प्रकाश को बंद नहीं किया जाना चाहिए और यदि कोई इसे ढंकने का प्रयास करता है तो वह वास्तव में एक नाम मात्र का ख्रीस्तीय है। विश्वास की ज्योति एक सच्ची ज्योति है जिसे येसु हमें बपतिस्मा के समय प्रदान करते हैं। यह कोई कृत्रिम प्रकाश नहीं है वरन सौम्य और शांत प्रकाश है जो कभी नहीं बुझता है।

संत पापा ने उन व्यवहारों की निंदा की जो ईश्वर प्रदत्त प्रकाश को ढंकने या छिपाने का प्रयास करते हैं। ईर्ष्या तथा अच्छाई को दबाने के लिए दूसरों के प्रति षडयंत्र रचते हैं। बुराई की योजना बनाना माफीया है और हर माफीया अंधकार।

संत पापा ने सलाह देते हुए कहा कि अच्छाई को बंद कभी नहीं करना चाहिए। उसे दूसरे दिन के लिए टाले बिना उसी समय पूरा करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि अच्छाई फ्रिज में नहीं रखा जा सकता और न ही छिपाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में निहित अच्छाई को दबाने के लिए दूसरों के प्रति अन्याय एवं षडयंत्र नहीं करना चाहिए।

संत पापा ने बदले की भावना की तुलना माफीया से की जो बुराई को अंजान देने के लिए दूसरे व्यक्ति का विश्वास जीत लेता है। उन्होंने कहा कि हर प्रकार का माफीया अंधकार का कार्य है।

संत पापा ने प्रवचन में इस बात पर बल दिया कि दूसरों के साथ झगड़ा करने एवं निर्दोष पर झूठा इल्जाम लगाकर बहस करने में आनन्द लेने के प्रलोभन से बचें तथा बहस करने की अपेक्षा क्षमा कर दें।

संत पापा ने दूसरी सलाह दी कि हम उन लोगों से ईर्ष्या ने करें जो हिंसा को अंजाम देते तथा अपनी सफलता के कारण किसी चीज की चिंता नहीं करते हैं क्योंकि प्रभु हिंसक लोगों के विरूद्ध हैं जबकि वे धार्मिक लोगों के मित्र हैं।

संत पापा ने कहा कि येसु हमें सलाह देते हैं कि हम ज्योति की संतान बनें न कि अंधेरे की। बपतिस्मा में प्राप्त ज्योति की रक्षा करें। उसे पलंग के नीचे न रखें दीवट पर रखें और उसकी रक्षा करें। संत पापा ने पवित्र आत्मा से प्रार्थना की कि हम प्रकाश को ढंकने वाली बुरी लतों में न फंसें। बल्कि हम ईश्वर द्वारा प्राप्त प्रकाश के वाहक बनें जो अच्छाई, मित्रता, विनम्रता विश्वास, आशा, धीरज तथा भलाई का प्रकाश है। 








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