2016-09-19 16:22:00

हमें शांति की आवश्यकता है, युद्ध पूरी दुनिया में फैल चुका है, संत पापा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 19 सितम्बर 2016 (वीआर सेदोक): ″आज हमें शांति की आवश्यकता है क्योंकि युद्ध पूरे विश्व में फैल चुका है। हमें शांति के लिए प्रार्थना करने की जरूरत है।″ उक्त बात संत पापा फ्राँसिस ने 20 सितम्बर को असीसी में शांति हेतु प्रार्थना दिवस की घोषणा करते हुए कही। 

असीसी में शांति हेतु प्रार्थना दिवस की शुरूआत संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने सन् 1986 ई. में की थी जिसमें दलाई लामा तथा कंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष समेत कई बड़े धार्मिक नेताओं ने संत पापा के साथ मिलकर शांति, एकता एवं अंतरधार्मिक समझदारी हेतु प्रार्थना की थी।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने इस आह्वान के साथ प्रार्थना सभा का समापन किया था कि ″हम शांति के संदेश को फैलाते रहें तथा असीसी की भावना को जीयें, तब से सन इजीदो समुदाय ने प्रत्येक वर्ष प्रार्थना सभा का आयोजन कर विभिन्न धार्मिक नेताओं के साथ महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचार करते हुए शांति, एकता एवं अंतरधार्मिक समझदारी को बढ़ावा देने का प्रयास किया है।

रविवार को देवदूत प्रार्थना हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र विश्वासियों को सम्बोधित कर संत पापा फ्राँसिस ने कहा, ″मैं पल्लियों, चर्च संगठनों तथा विश्वभर के सभी  विश्वासियों को शांति हेतु प्रार्थना में भाग लेने का निमंत्रण देता हूँ।″ आज हमें शांति की आवश्यकता है क्योंकि युद्ध पूरे विश्व में फैल चुका है। हमें शांति के लिए प्रार्थना करना है। संत फ्राँसिस असीसी के उदाहरणों पर चलते हुए हमें भाईचारा एवं विनम्रता द्वारा शांति एवं मेल-मिलाप के प्रति समर्पण का दृढ़ साक्ष्य लोगों के बीच प्रस्तुत करना है।″ संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह किया कि हम मंगलवार को प्रार्थना में एकजुट हों। प्रत्येक अपने लिए प्रार्थना हेतु उपयुक्त समय निर्धारित करे।  

असीसी की सभा में विश्व भर से करीब 400 धर्मगुरू उपस्थित होंगे किन्तु 30 साल पहले इस सभा में भाग ले चुके दलाई लामा अनुपस्थित होंगे। सभा में भाग नहीं लेने का कारण, दलाई लामा के सचिव द्वारा एशियान्यूज को दिये जानकारी अनुसार उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है। 

शांति हेतु प्रार्थना के निमंत्रण के पश्चात् संत पापा ने धन्य एलिजाबेथ सान्ना की याद की जो सात बच्चों की माँ थी। एक विधवा जिन्होंने अपना सर्वस्व प्रार्थना में अर्पित किया तथा बीमार एवं गरीबों की सेवा की। उन्होंने कहा कि उनका साक्ष्य विश्वास से प्रेरित होकर सुसमाचार प्रचार का एक आदर्श है। 








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