2016-09-17 16:19:00

भारतीय कलीसिया परिवारों को सुदृढ़ करने हेतु समर्पित


मुम्बई, शनिवार, 17 सितम्बर 2016 (वीआर सेदोक): ″भारत की कलीसिया पारिवारिक जीवन को सुदृढ़ करने के लिए कटिबद्ध है हालांकि उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।″ यह बात भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के परिवार आयोग के महासचिव फा. मिलटॉन गोनसालव्स ने एशियान्यूज़ से कही।

फा. मिलटॉन वर्ष 2014 से ही भारत के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं तथा विवाह की तैयारी हेतु कोर्स, परिवार की प्रेरिताई पर प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रह हैं एवं उन्होंने विभिन्न परिवारों का दौरा किया है। इसके द्वारा उन्होंने परिवारों की मुख्य समस्या तथा व्यक्ति के विकास हेतु परिवार की आधारभूत भूमिका की जानकारी से लोगों को अवगत कराया है।

उन्होंने एशियान्यूज़ को बतलाते हुए कहा, ″एक आम समस्या जिससे परिवार ग्रसित है वह है पारिवारिक जीवन में आध्यात्मिकता की अवहेलना। जब एक परिवार प्रार्थना एवं ईश्वरीय कृपा की शक्ति का अनुभव नहीं करता है तब वह धारे धीरे कमजोर हो जाता है, फलतः उसे कई जोखिमों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।″

उन्होंने कहा कि वे माता-पिता को इस बात के लिए जोर दे रहे हैं कि वे अपने वचनों एवं कार्यों द्वारा बच्चों के लिए प्रेरणा प्रस्तुत करें, विशेषकर, सच्चे ख्रीस्तीय एवं बच्चों को नैतिक मूल्यों का ज्ञान दें जो परिवार में बच्चे के जन्म से ही शुरू होता है। 

फा. मिलटॉन ने सलाह दी कि प्रत्येक परिवार को प्रार्थनामय जीवन को अपनाना चाहिए तथा परिवार की आध्यात्मिकता को लगातार सुदृढ़ करते रहना चाहिए। पति-पत्नी के बीच अच्छा संबंध वैवाहिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने हेतु महत्वपूर्ण है।

फादर ने दूसरी समस्या के बारे बतलाते हुए कहा कि भारत के परिवारों में नशापान की समस्या है परिणामतः पति-पत्नी के संबंध में दरार हो जाता है तथा बच्चों एवं परिवार के अन्य सदस्यों पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि भारत की कलीसिया इसके लिए काफी प्रयासरत है किन्तु विवाह की तैयारी का कोर्स पर्याप्त नहीं है। दम्पतियों के लिए समय-समय पर शादी संवर्धन कार्यक्रम, परिवारों को मजबूत बनाने और परिवार के जीवन का निर्माण करने के लिए बहुत जरूरी है। 








All the contents on this site are copyrighted ©.