2016-09-16 15:55:00

हमारे राहत कार्य 99 प्रतिशत गैर ख्रीस्तीय भुकम्प पीड़ित हेतु


एशिया शुक्रवार, 16 सितम्बर 2016 (फिदेस) “हम भुकम्प पीड़ितों की सेवा में लगे हैं, कलीसिया  ने राहत के मानवतावादी प्रथम स्तरीय कार्य में अपनी सम्पूर्ण सेवा देने की कोशिश की।” उक्त बातें नेपाल में प्रेरिताई कार्य हेतु नियुक्त प्राधिधर्माध्यक्ष धर्माध्यक्ष पौल सिमिक ने वाटिकन फिदेस समाचार से कही।

लोकधर्मियों में सुसमाचार प्रचार हेतु गठित समिति के तत्वावधान नव नियुक्त धर्माध्यक्षों हेतु आयोजित कार्यशाला में सहभागी होते हुए उन्हें विगत साल नेपाल में आये प्रलयकारी भुकम्प के उपरान्त कलीसिया द्वारा किये गये सेवा कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि भुकम्प के बाद राहत कार्य सुचारु रुप से चल रहें हैं। उन्हें सरकार के द्वारा निर्धारित दस्तावेजों की प्रतीक्षा करनी पड़ी जिसके आधार पर पुनर्वास और पुनः निर्माण के कार्य जारी किये जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वे घरों, स्कूलों, अस्पतालों के पुनर्निर्माण कार्य को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने काथलीक कारितास, धर्मसमाजों के अलावा गैर ख्रीस्तीय सामाजिक सेवा संस्थानों के प्रति भी अपने उद्गार व्यक्त किये जिनकी उदारता ने पुनर्वास और राहत कार्य में तीव्रता लाई है। “नेपाल में हमारे लिए यह सुसमाचार का साक्ष्य है, दूर सीमान्तों के कई गरीब समुदाय हमारे कार्यों पर विश्वास करते हैं जिसमें 99 प्रतिशत लोग गैर-ख्रीस्तीय हैं।” धर्माध्यक्ष सिमिक ने कहा, “हम नेपाल में अपनी सृजनात्मक उपस्थिति की अनुभूति देना चाहते हैं क्योंकि प्रेरितिक सृजनात्मकता पवित्र आत्मा का एक उपहार है। हम नेपाली समाज को अपनी सेवाएं प्रदान करना चाहते हैं जो मुख्यतः शिक्षण और सामाजिक कार्यों है जिसे हम विगत 20 वर्षों से करते आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि नेपाल की कलीसिया एक युवा कलीसिया है जिसकी आयु मात्र 62 साल है जिसे मात्र 6 धर्मबन्धुओं और 22 धर्मबहनों के धर्मसमाजों की सेवाएँ उपलब्ध हैं। इस तरह धर्मप्रान्त में 85 पुरोहित हैं जबकि धर्मबहनों की संख्या करीब 122 है जो करीब 8000 विश्वासियों के बीच सुसमाचार की ज्योति को प्रज्वलित करने में लगे हैं।








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