2016-09-14 15:52:00

संत पापा फ्राँसिस ने फादर जैक हामेल के लिए ख्रीस्तयाग अर्पित किया


वाटिकन सिटी, बुधवार 14 सितम्बर 2016 (सेदोक) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 14 सितम्बर को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में फादर जैक हामेल के लिए ख्रीस्तयाग अर्पित की जिनकी हत्या संत एतिने दू रोवरी गिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित करते वक्त इस्लामी स्टेट के दो आतेकवादियों द्वारा 26 जुलाई 2016 को कर दी गई थी।

रूऑन के महाधर्माध्यक्ष दोमनिक लेबर्न  धर्मप्रांत के 80 अन्य तीर्थयात्रियों के साथ ख्रीस्तयाग समारोह में भाग लिया।  संत पापा फ्राँसिस ने प्रवचन में फिलीपियों के नाम संत पौतुस के पत्र से लिये गये पाठ पर मनन चितन करते हुए कहा, आज कलीसिया येसु ख्रीस्त के क्रूस विजय का त्योहार मना रही है। संत पौलुस कहते हैं ″यद्यपि वह ईश्वर थे और उन को पूरा अधिकार था कि वह ईश्वर की बराबरी करें, फिर भी उन्होंने दास का रुप धारण कर तथा मनुष्यों के समान बनकर अपने को दीन हीन बना लिया और मनुष्य का रुप धारण करने के बाद मरण तक, हाँ क्रूस पर मरण तक, आज्ञाकारी बनकर उन्होंने अपने को और दीन बना लिया (फिली 2,6-8). यही ख्रीस्त का रहस्य है। उसने मानव जाति के उद्धार के लिए क्रूस मरण को स्वीकार किया। येसु ख्रीस्त पहले शहीद हैं जिन्होंने हमारे लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और मसीह के इस रहस्य से ख्रीस्तीय शहादत का इतिहास शुरू हुआ। तथा पहली शताब्दी से आज तक चली आ रही है।

पहली सदी के ख्रीस्तीयों को येसु में विश्वास प्रकट करने के लिए भारी मूल्य चुकाना पड़ा। उन्हें देवी-देवताओं की पूजा करने को मजबूर किया जाता था ऐसा नहीं करने पर उन्हें मार डाला जाता था। आज भी येसु मसीह पर विश्वास करने की वजह से ख्रीस्तीयों पर अत्यचार किया जाता है। उन्हें कैद में रखा जाता है और उनकी बलि चढ़ायी जाती है। फादर जैक्स भी इन्ही शहीदों की श्रृंखला का एक हिस्सा हैं।

स्वधर्म त्यागने के लिए बाध्य करना क्रूरता और शैतानी कृत्य है। कितना अच्छा होता यदि सभी धर्मों के विश्वासी यह कहते कि ईश्वर के नाम पर हत्या करना हैवानियत है।"

फादर जैक्स हैमेल की जब हत्या की गई वे येसु ख्रीस्त के क्रूस बलिदान का अनुष्ठान कर रहे थे।

संत पापा ने कहा कि फादर जैक्स अच्छे और नम्र व्यक्ति थे। उन्होंने हमेशा शांति बनाये रखने की कोशिश की। पर उनकी हत्या इस प्रकार से कर दी गई थी, जैसे कि वे एक अपराधी थे। यह शैतानी उत्पीड़न की एक कड़ी है। लेकिन एक बात उस पुरोहित में है जो मुझे सोचने को मज़बूर कर दिया। उस कठिन समय में त्रासदी को आते देखा और वहाँ अपनी शहादत को स्वीकार किया। उसने स्पष्ट रूप से कातिल का नाम पुकारने के बदले कहा, "चले जाओ शैतान"। उसने हमारे लिए जीवन दिया। येसु को इनकार नहीं करने की वजह से उन्हें अपना जीवन का बतिदान देना पड़ा।

संत पापा ने कहा, ″फादर जैक्स ने अपने जीवन का बलिदान देकर अपने साहस का परिचय दिया। वे एक शहीद हैं। संत पापा ने सभी विश्वासियों को उनकी मध्यस्ता द्वारा प्रार्थना करने की प्रेरणा दी।″








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