2016-09-13 15:09:00

संत प्रकरण की राह पर केरल


कोच्चि, मंगलवार, 13 सितम्बर 2016 (ऊकान) : रोमन काथलिकों के लिए संत तेरेसा भारत के बहुत से भावी संतों की अग्रदूत हैं। 

संभावित संतों की एक नई सूची के अनुसार केरल के 21 स्थानीय लोगों के नाम हैं जिसमें 15 सीरो-मालाबार कलीसिया के, 5 लाटिन काथलिक कलीसिया के और एक सीरो-मलंकारा काथलिक कलीसिया सके महाधर्माध्यक्ष जीवरगीस मार आइवानोस के नाम सम्मिलित हैं। भारत के तीन संत – सिस्टर असफोंसा, फादर कुरियाकोस एलियास चाउरा और सिस्टर युफ्रसिया सीरो-मालाबार कलीसिया के हैं।

विश्व के कुल काथलिकों में करीब 1.55 प्रतिशत भारत की काथलिक कलीसिया है और गौरव की बात यह है कि इस देश से 30  लोगों के नाम की संत प्रकरण की प्रकिया हेतु जारी किये गये हैं। यूरोप से जो मिशनरी भारत आये और अपना पूरा जीवन भारतीयों के लिए समर्पित किया और जिन्हें भारत में दफनाया गया है।  उन्हें संत प्रकरण की सूची में डालने से संभावित संतों की कुल संख्या 44 हो जाती है।

त्रिशूर की मरियम त्रेसिया, पाला के फादर अगुस्टीन और तत्रावनकोर किंगडम के देवा सहायम पिल्ला को काथलिक कलीसिया ने धन्य घोषित किया है। वे संत प्रक्रिया के तीसरे मुकाम तक पहुँच गये हैं। संत प्रकरण के दूसरे चरण में धर्माध्यक्ष थोमस कुरियालाचेरी, फादर मैथ्यू काडालिकाट्टिल और फादर जोसेफ विद्यात्तिल हैं।

संभावित संतों की सूचि में धर्माध्यक्षों और पुरोहितों के नामों के अलावे कुछ महिलाओं के नाम भी हैं। इनमें भारत की प्रथम आदिवासी धर्मबहन मेरी बेर्नादेत प्रसाद किसपोट्टा, संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ राँची की संस्थापिका हैं जो काथलिक कलीसिया द्वारा प्रभु की दासी घोषित होने वाली प्रथम आदिवासी महिला हैं । दूसरी महिला गुंटूर की मदर थाडिपात्री ग्नानाम्मा हैं। वे संत अन्ना-मद्रास और संत अन्ना-फिरंगीपुरम धर्मसंघ की संस्थापिका हैं। केरल की मदर एलिस्वा विवाह के बाद धर्मबहन बनीं थीं।

भारत के 44 संभावित संतों की सूची में तीन धन्य घोषित किये गये हैं। 9 को (वेनेरेबल) श्रद्धा के पात्र और 32 को प्रभु के सेवक का सम्मान दिया गया है।








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