2016-09-01 16:25:00

मदर तेरेसा पूर्णतया एक भारतीय संत, धर्माध्यक्ष


भारत, बृहस्पतिवार, 1 सितम्बर 2016 (वीआक सेदोक): ″मदर तेरेसा की संत घोषणा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। हम सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं कि उन्होंने 4 सितम्बर को होने वाले वाटिकन के समारोह को अपना समर्थन दिया है। यह विश्व के लिए एक विशेष दिन है खासकर, भारतीयों के लिए क्योंकि मदर ने अल्बानिया से आकर लाखों लोगों को सुसमाचार के मूल्य प्रदान करने हेतु जाति, आस्था एवं धर्म की सीमा को पार दिया।″ उक्त बातें भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकारेनहस ने दिल्ली में मदर तेरेसा की प्रतिमा को स्थापित किये जाने के अवसर पर कही।

फिदेस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्माध्यक्ष ने कहा कि भारत में हम उनकी निर्धनता एवं विनम्रता से धनी बने हैं एवं उनकी करुणा से हमें आशीर्वाद मिला है। मदर तेरेसा ने जरूरतमंद लोगों को उदारता पूर्वक करुणा का दान दिया और हमारे साथ रहीं। अत्यन्त गरीब लोगों के प्रति समर्पित होकर मदर तेरेसा ने सुसमाचार के मूल्यों को भारतीय मूल्यों के साथ मिला दिया। भारत के प्रधान मंत्री का भी कहना है कि कई लोग मदर तेरेसा को हमारी संत मानते हैं।

दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनिल कुटो ने धन्य घोषणा एवं संत घोषणा के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला तथा कहा, ″संत पापा उन्हें पवित्रता नहीं दे रहे हैं किन्तु एकमात्र ईश्वर ही पवित्रता प्रदान कर सकते हैं बल्कि संत पापा कलीसिया एवं ईश प्रजा की ओर से उस कार्य को आगे बढ़ाते हैं।

मदर तेरेसा वर्ष 2003 में धन्य घोषित की गयीं थीं और आज हम उनकी संत घोषणा पर आनन्दित हैं जो हमारे देश एवं हमारी कलीसिया को करुणा के जयन्ती वर्ष में बहुत अधिक प्रभावित कर रहा है।

करीतास इंडिया के उप कार्यकारी निदेशक पौल मुनजेली ने कहा, ″मदर तेरेसा अब भी करीतास इंडिया को प्रेरित करती है ताकि हम निहायत आवश्यकता में पड़े लोगों तक प्रेम एवं दया के साथ पहुँच सके। करीतास इंडिया 6 लाख विस्थापित, दलित, आदिवासी एवं अप्रवासी लोगों को अभी भी भोजन, वस्त्र एवं आवास प्रदान कर रही है।″








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