2016-08-29 16:51:00

14वें अंतर ख्रीस्तीय संगोष्ठी को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 29 अगस्त 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 28 से 30 अगस्त को थेसलोनिकी में चल रहे तीन दिवसीय 14वें अंतर ख्रीस्तीय संगोष्ठी को एक संदेश भेजकर शुभकामनाएँ दी तथा आशा व्यक्त की कि संगोष्ठी येसु ख्रीस्त की घोषणा करने हेतु नया मार्ग, रचनात्मक प्रणाली तथा भाषाओं को पहचान प्रदान करेगी।

9 अगस्त को निर्गत, ख्रीस्तीय एकता को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल कूर्ट कोच को लिखे अपने पत्र में संत पापा ने कहा, ″14वीं अंतर ख्रीस्तीय संगोष्ठी जो 28 से 30 अगस्त तक थेसलोनिकी में आयोजित की गयी है यह ″यूरोप में ख्रीस्तीय समुदायों के बीच पुनः सुसमाचार प्रचार की आवश्यकता पर आधारित है।″

उन्होंने कहा कि यूरोप में कई ऐसे लोग हैं जो यद्यपि बपतिस्मा प्राप्त कर चुके हैं तथापि विश्वास की कृपा के प्रति सचेत नहीं हैं। वे ख्रीस्तीय समुदाय के जीवन में सहभागी नहीं होते और न ही उसमें सांत्वना प्राप्त करते हैं। यह विश्व में सभी कलीसियाओं के लिए चुनौती है।

यूरोप में, जहाँ लोग, कम से कम ख्रीस्तीय मूल से जुड़े हैं, स्पष्ट संकेत है कि यहाँ पुनः सुसमाचार प्रचार की अति आवश्यकता है। इस मिशनरी समर्पण को उस गहरी आस्था पर आधारित होना चाहिए कि ख्रीस्त अपने सुसमाचार द्वारा हमारे जीवन एवं हमारे समुदायों को सदा नवीकृत कर सकते हैं उस समय भी जब यह अंधकारमय परिस्थिति तथा कलीसिया की कमजोरी के दौर से गुजर रहा हो। ख्रीस्तीय प्रस्ताव कभी पुराना नहीं होता। (एवनजेली गौदियुम 11)

संत पापा ने संगोष्ठी में आशा व्यक्त की कि विभिन्न विशिष्ट वक्ताओं द्वारा प्रस्तुत विचारों द्वारा काथलिक और ऑर्थोडोक्स कलीसिया के सदस्य समकालीन यूरोप में येसु ख्रीस्त की घोषणा करने हेतु नये रास्ते, रचनात्मक तरीके तथा भाषा को इसकी सुन्दरता के साथ पहचान पायेंगे।संत पापा फ्राँसिस ने 28 से 30 अगस्त को थेसलोनिकी में चल रहे तीन दिवसीय 14वें अंतर ख्रीस्तीय संगोष्ठी को एक संदेश भेजकर शुभकामनाएँ दी तथा आशा व्यक्त की कि संगोष्ठी येसु ख्रीस्त की घोषणा करने हेतु नया मार्ग, रचनात्मक प्रणाली तथा भाषाओं को पहचान प्रदान करेगी। 








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