2016-08-15 16:08:00

कलीसिया को प्रशासनिक अधिकारियों की नहीं अपितु जोशीले प्रेरितों की जरूरत


वाटिकन सिटी, सोमवार, 15 आगस्त 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवारीय देवदूत प्रार्थना हेतु जमा सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को पवित्र आत्मा के आग पर संदेश देते हेतु कहा कि कलीसिया को प्रशासनिक अधिकारियों की नहीं लेकिन कर्मठ प्रेरितों की जरूरत है जिनके हृदयों में यह आग है। पवित्र आत्मा के इस आग के बिना कलीसिया सुषुप्त और हम ख्रीस्तीय निष्क्रिय बेजान से लगते हैं। उन्होंने विश्वासियों और उपस्थित सभी लोगों को अपने आत्मा परीक्षण का आहृवान किया। संत पापा ने कहा, प्रिय भाइयो एव बहनो,

सुप्रभात।

आज के सुसमाचार में येसु अपने चेलों को येरुसलेम की राह में अपने दुःख भोग और क्रूस मरण को आलिंगन करने हेतु आगे बढ़ते हुए आग, बपतिस्मा और विभाजन तीन निशानिय़ों के बारे में जिक्र करते हैं जो पिता के द्वारा उनके दुनिया में भेजे जाने के उद्देश्य की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। आज हम पहली निशानी “आग” पर चिंतन करेंगे। 

येसु कहते हैं, “मैं पृथ्वी पर आग लेकर आया हूँ और मेरी कितनी तमन्ना है कि यह धधक उठे।” संत पापा ने कहा कि येसु जिस आग की चर्चा करते हैं वह पवित्र आत्मा है जो हम सबों में हमारे बपतिस्मा के दिन से सजीव और क्रियाशील है। यह हमारी आत्माओं को प्रज्वलित करती और हमें प्रेम के योग्य बनाती है। उन्होंने कहा, “यह आग हमें परिशुद्ध करती और मानव के सभी बुराइयों, अहम और पापों का दमन कर हमें आंतरिक रूप में परिवर्तित कर नवीन बनाती है।” उन्होंने कहा कि येसु हम से यही चाहते हैं कि पवित्र आत्मा हमारे हृदयों को प्रज्वलित करे क्योंकि ईश्वरीय राज्य हेतु प्रेम हमारे हृदयों की गहराई में प्रस्फुटित होती है। अतः येसु चाहते हैं कि हम अपना हृदय आत्मा हेतु खोलें क्योंकि जब हम अपने को खोलते हैं तो वे हमें अपने साहस से भर देते हैं और हम उन्हें घोषित करने के उत्साह, उनके करुणा और मुक्तिप्रद वचनों को अन्यों तक ले जाने हेतु अपने को निर्भय पाते हैं। “लेकिन इस आग की शुरूआत हमारे हृदयों में होती है।”

येसु के प्रेरितिक कामों को दुनिया में करने हेतु हमें पवित्र आत्मा की जरूरत होती है जिसके द्वारा हम भयमुक्त होकर दुनिया के किसी भी कोने में जाने हेतु तैयार हो जाते हैं। ये दो मनोभाव संत पापा ने कहा, “कलीसिया को क्रियाशील बनाती है और हम प्रशासनिक कलीसिया बनने से बचते हैं जो चुनौतियों का सामना कभी नहीं करना चाहती है।”

संत पापा ने कहा कि ठीक उसके विपरीत प्रेरितिक साहस जो हमें पवित्र आत्मा के द्वारा प्राप्त होता है आग की भाँति दीवारों और सभी मुसीबतों को भस्म करने में हमारी मदद करता है। यह हमें सृजनात्मक बनाती है जिसके कारण हम अपने सुरक्षित स्थलों से बाहर निकल कर कठिन राहों में चलने और उन सबों की सहायता करने हेतु तत्पर हो जाते हैं जिनसे हमारी मुलाकात हमारे जीवन के मार्ग में होती है। इस भाँति पवित्र आत्मा की आग से प्रज्वलित होकर हम एक समुदाय का निर्माण करते जहाँ हम आपसी समझ और आनन्द में निवास करते हैं।  

संत पापा ने कहा कि हमें आत्मा से प्रेरित होकर अपने पड़ोसियों तक पहुँचने की आवश्यकता है जिन्हें हमारी सहायता कि अति जरूरत है जैसे, दुखियों, जरूरतमंदों, मानवीय दुःख और तकलीफों में पड़े लोगों, प्रवासियों जो कि विकट परिस्थियों में पड़े हुए हैं।

संत पापा ने कहा कि मैं विशेषकर बहुत से पुरोहितों, धर्मबन्धुओं और लोकधर्मियों के बारे में सोचता हूँ जो प्रेम से प्रेरित होकर, निष्ठा में यहाँ तक की अपने जीवन की परवाह किये बिना दुनिया में दूसरों की सेवा और सुसमाचार के प्रचार हेतु अपने को समर्पित कर दिया है। उनका अनुकरणीय साक्ष्य हमें याद दिलाती है कि कलीसिया को प्रशासनिकों और सर्वोतम अधिकारियों की जरूरत नहीं है लेकिन करुणा से परिपूर्ण प्रेरितों की आवश्यकता है जो येसु के प्रेम से प्रेरित होकर सभों के लिए उनके सांत्वना के शब्दों और पुनर्जीवित करने वाली कृपा को ला सकें।

उन्होंने कहा,“यह पवित्र आत्मा की आग है।” यदि कलीसिया इस आग से अपने को प्रज्वलित होने नहीं देती और इसे स्वीकार नहीं करती तो यह अपने में ठड़ी या कुनकुनी रह जाती है जिसके कारण हम ख्रीस्तीय अन्यों में जीवन का संचार नहीं कर पाते हैं। यदि हम इस विषय पर थोड़ा चिंतन करें तो यह हमारे लिए अच्छा होगा, मेरा हृदय कैसा हैं? ठढ़ या गर्म? क्या हम इस आग तो अपने में समाहित कर सकते हैं? आइये हम इस पर थोड़ा मनन करें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा सबों के लिए निवेदन किया कि वे सबों के हृदयों को ईश्वरीय आग से प्रेरित करने में सहायता करें। इसके बाद उन्होंने प्रेम और करुणा की मूर्ति संत मैक्सीमिलयन कोल्बे की याद की जिन्होंने ईश्वर और पड़ोसी प्रेम को अपने जीवन में आलिंगन किया। संत पापा ने भक्त समुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि आप हमेशा क्षमा करें और अपने में एक करुणामय हृदय को धारण करें। और इतना कहने के बाद उन्होंने सबों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद देते हुए रविवारीय मंगलकामनाएँ अर्पित की। 








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