2016-08-13 16:48:00

एरबिल में तीन नये पुरोहितों, शरणार्थियों के बीच ख्रीस्त के साक्षी


एरबिल, शनिवार, 13 अगस्त 2016 (एशियान्यूज़): उत्तरी ईराक के निनहवे से हज़ारों ख्रीस्तीय परिवारों के निर्वासन के दो साल बाद, एरबिल के शरणार्थी शिविर में शहर के तीन युवाओं का पुरोहिताभिषेक सम्पन्न हुआ जो अत्याचार के शिकार ख्रीस्तीयों एवं हाशिये पर जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए आनन्द एवं आशा का स्रोत है।

नये पुरोहितों फा. रोनी सलिम मोमिका, फा. एमड तथा पेत्रोस के पावन पुरोहिताभिषेक समारोह में करीब 1,500 लोगों ने भाग लेकर अपनी खुशी का इजहार किया।

फादर मोमिका ने काथलिक न्यूज़ एजेंसी से कहा, ″हम काराकोश से दो साल पहले भाग गये थे।″ उन्होंने उन चुनौतियों, कठिनाईयों एवं पीड़ाओं का जिक्र किया जो ख्रीस्तीय समुदायों द्वारा झेली जा रही हैं।

सीरिया की काथलिक कलीसिया में पुरोहिताभिषेक 5 अगस्त को आयेस्ती शिविर दो में सम्पन्न हुआ जो एरबिल के बाहरी इलाके में पड़ता है। इस शिविर में करीब 5,500 लोग रहते हैं जो 2014 में इस्लामिक आतंकवादियों के आक्रमण से बचने के लिए भाग कर आये थे।

समारोह के मुख्य अनुष्ठाता मोसुल, किरकुक तथा ईराक के सीरियाई ऑर्थोडोक्स कलीसिया के महाधर्माध्यक्ष पेत्रोस योहान्ना थे।

जिहादियों के आगमन के पूर्व क्वाराकोश ख्रीस्तयों का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। फादर मोमिका ने कहा कि यह स्थान अब भी भयावाह यादगार से जुड़ा है क्योंकि हम शरणार्थी बन गये तथा आईएस ने इसे अपने कब्जे में कर लिया। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आज का यह दिन हमारे लोगों के लिए विलाप से एक नई आशा में बदल गयी है।

फा. ने बतलाया कि दो सालों तक उन्होंने शरणार्थी शिविर में युवाओं और महिलाओं के लिए कार्य किया तथा आशा करते हैं कि भविष्य में भी एक पुरोहित के रूप में वहीं रहकर अपनी सेवा देंगे क्योंकि वे शरणार्थियों के आनन्द, दुःख एवं कष्ट में उनके साथ रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका है लोगों को ख्रीस्त को देना तथा उन्हें विश्वास में बल, साहस एवं दृढ़ता प्रदान करना। फा. मोमिका अपनी बहन के साथ 2010 के बम विस्फोट के शिकार हुए थे जब गुरूकुल

छात्रों एवं विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों को बस द्वारा निनाहवे प्लेन से मोसुल विश्वविद्यालय का ओर लिया जा रहा था।








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