2016-08-12 15:31:00

मदर तेरेसा के संत घोषणा की तैयारी में लगा कोलकाता


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 12 अगस्त 2016 (वी आर) भारत का पूर्वी क्षेत्र कोलकाता शहर, जहां अलबिनिया में जन्मी मदर तेरेसा ने अपने करुणा के प्रेरितिक कार्यो शुरू किया और जीवन की अंतिम सांसें लीं, उनके संत घोषणा की तैयारी में संलग्न हो गया है।

तैयारी के इस क्रम में विशेषज्ञों, पुरोहितों, छात्रों और कलाकारों को निमंत्रण दिया जा रहा है जो विभिन्न स्थानों पर कार्यशाला प्रदर्शनी और प्रार्थना सभा का आयोजन करते हुए मदर तेरेसा के मानवीय जीवन दर्शनों को प्रसारित करने का प्रयास कर रहें हैं। युवाओं का एक स्वतंत्र छायाचित्र कारी दल कोलकाता के विभिन्न स्थानों को अपने कैमरे में कैद कर लिया है जिसका प्रदर्शन वे रोम शहर के विभिन्न स्थानों में सितम्बर के शुरू में करना चाहते हैं। वे इसके जरिये मदर तेरेसा के उन विचारों को व्यक्त करना चाहते हैं जिनके द्वारा उन्होंने “गरीबों से गरीब” लोगों की सेवा हेतु मिश्नरी ऑफ चैरिटी धर्मसमाज की स्थापना की।  

श्रीजिता देव बर्मन, 25 वर्षीय, व्यावसायिक व्यापारी ने कहा, “यह मदर को हमारी श्रद्धांजलि है।” “हमारे ये चित्र इस बात को बायँ करेंगे कि वे कौन-सी बातें थीं जिन्होंने उन्हें हमारे शहर में आने हेतु प्रेरित किया।” जबकि सुनिता कुमार मिशनरी ऑफ चौरिटी के एक सिंख स्वयं सेवी कलाकार ने बतलाया, “उन्होंने मदर तेरेसा की कई हस्तकला तस्वीरें तैयार की हैं जो उनके  विचारों को व्यक्त करती हैं जिन्हें उनके संत घोषणा के बाद तक संत जेवियर्स स्कूल कोलकाता में प्रदर्शित किया जायेगा।”

कोलकाता का पार्क स्ट्रीट जो युवा का एक मिलन स्थल है जिसे युवाओं ने “मदर तेरेसा सारनी” का नाम दे दिया है जहां ख्रीस्तीय जयन्ती काल तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। मिशनरी ऑफ चौरिटी धर्मसमाज का मूलमठ सभी जाति और धर्मों के लोगों हेतु खुला हुआ है जहाँ वे मदर की समाधि स्थल पर आ कर अपनी प्रार्थनाएँ अर्पित करते हैं। यह एक पूजा स्थल में परिणत हो गया है। धर्मसमाज के प्रतिनिधियों ने बतलाया कि 24 अगस्त मदर के जन्म दिवस के अवसर पर उनके संत घोषणा के पूर्व धर्मसमाज की ओर से एक विशेष धन्यवादी ख्रीस्तयाग अर्पित किया जायेगा। 04 सितम्बर के कार्यक्रम हेतु धर्मसमाज की ओर से करीब 30 प्रतिनिधियों के रोम आने की खबर हैं जबकि धर्मसमाज की परमाधिकारिणी जर्मनी मूल्क की सिस्टर मेरी प्रेमा पहले ही अतिथियों के स्वागतार्थ और उनके रोम में रहने की विधि व्यवस्था प्रबंधन में संलग्न हैं। 








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