2016-08-08 16:23:00

आप याद रखें कफन में जेब नहीं होते हैं


वाटिकन सिटी, सोमवार, 07 अगस्त 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में चिलचिलाती धूप में रविवारीय देवदूत प्रार्थना हेतु जमा सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को अनंत जीवन हेतु कार्य करने का संदेश देते हुए कहा,

प्रिय भाइयो एव बहनो,

सुप्रभात।

आज के सुसमाचार में येसु अपने चेलों से इस बात का जिक्र करते हुए कहते हैं कि अपने स्वामी येसु ख्रीस्त से अंतिम मुलाकात के दौरान उनके व्यवहार कैसे होने चाहिए जिससे वे अपने जीवन में  अच्छे कामों का निष्पादन करते हुए परिपूर्ण, अनंत जीवन को प्राप्त कर सकें। संत पापा ने कहा कि येसु अपने चेलों से कहते हैं, “अपनी सम्पति बेच दो और ग़रीबों को दान कर दो, अपने लिए ऐसी थैली की व्यवस्था करों जिसमें स्वर्ग राज्य की प्राप्ति हेतु खजाना जमा किया जा सके, जिसे कोई चोरी नहीं कर सकता और जिसे दुनिया का कोई भी कीड़ा नहीं खा सकता है। उन्होंने कहा कि यहां दान देना का तात्पर्य करुणा के कार्य हेतु हमारा निमंत्रण किया जाना है। येसु हमें भौतिक चीज़ें में आधारित नहीं रहने को कहते हैं, वे हमें जीवन की वस्तुओं के प्रति आसक्त नहीं होने को कहते हैं लेकिन इसके विपरीत वे हमें ईश्वरीय इच्छा के अनुरूप प्रेम को अपने जीवन का केन्द्र बिन्दु बनाने हेतु आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन मैं धन दौलत के प्रति आसक्त हो सकते हैं जिसके बहुत सारी चीज़ें खरीदी जा सकती हैं लेकिन दुनिया के अनंत में हम इससे अपने साथ लेकर नहीं जा सकते हैं। संत पापा ने कहा, “आप याद रखें कफन में जेब नहीं होते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि येसु स्वर्ग राज्य हेतु हमारे कार्यों का जिक्र अपने तीन छोटे दृष्टान्तों के द्वारा करते हैं। हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं कि हम जागते रहें, सतर्क रहें और अपने जीवन में सदैव तैयार रहें। पहला दृष्टान्त हमें उस सेवक के बारे में बतलाता है जो रात भर जगकर अपने स्वामी के आने की प्रतीक्षा करता है। “धन्य हैं वह सेवक जिसे घर का स्वामी लौटने पर जागता हुए पायेगा।” यह विश्वास में येसु के आने की प्रतीक्षा करना हैं जो हमारी सेवा भावना को व्यक्त करता है। येसु हमारे साथ प्रतिदिन ऐसा करते हैं वे हमारे दिल के दरवाज़ों को खटखटाते हैं। जागते रहने वाले वे सेवक धन्य हैं क्योंकि वे येसु ख्रीस्त के द्वारा पुरस्कार के भागीदार होंगे क्योंकि घर का स्वामी, येसु ख्रीस्त स्वयं उनके लिए सेवकों के सेवक की तरह स्वर्ग राज्य के बृहद भोज में उनकी अगवानी करने हेतु आयेंगे।

इस दृष्टान्त के द्वारा येसु हमें अनंत जीवन की प्रतिज्ञा करते हैं जिसकी प्राप्ति हेतु हमें अपने में सजग और दूसरों की सेवा हेतु समर्पित रहने की जरूरत है। संत पापा ने कहा कि येसु स्वयं सेवक की तरह हमारी सेवा हेतु आयेंगे और अपनी मेज पर हमारा स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारे रोज दिन के जीवन में होता हैं जब हम येसु को अपनी प्रार्थनाओं में मिलते या दीन दुखियों की सेवा करते है।  येसु विशेषकर यूख्रारीस्त संस्कार में हमें भोज में सहभागी होने हेतु निमंत्रण देते और अपने वचनों, शरीर और रक्त से हमें तृप्त करते हैं।

दूसरा दृष्टान्त हमें चोर के अनिश्चित समय में आने की चर्चा करता है। यह हमें सदैव सजग रहने का आहृवान करता है। वास्तव में येसु कहते हैं, “हमें सदैव तैयार रहें क्योंकि हम नहीं जानते की मानव पुत्र किस घड़ी आयेगा। एक शिष्य ईश्वर के राज्य के आने की प्रतीक्षा करता है। सुसमाचार का यह संदेश हमारे लिए तीसरे दृष्टान्त के द्वारा स्पष्ट किया जाता है जहाँ घर मालिक के बाहर चले जाने पर गृह प्रभारी के गृह संचालन की व्याख्या है। पहले संदर्भ में गृह प्रभारी अपने उत्तरदायित्व का निर्वाहन उचित तरीके से करता है जबकि द्वितीय परिदृश्य में प्रभारी अपने अधिकार का दुरुपयोग करता और सेवकों के साथ दुर्व्यवहार करता है, इस तरह स्वामी के घर आने पर वह दण्ड का भागीदार होता है। संत पापा ने कहा कि दूसरे सेवक का दृश्य हमारे दैनिक जीवन की सामान्य स्थिति को दिखलाती है, दुनिया में हो रहे अन्याय, हिंसा और बुराई का बोलबाला, यह इसीलिए कि हम अपने को दूसरे के ऊपर मालिक की तरह पेश करते हैं। संत पापा ने कहा कि हमारा केवल एक स्वामी है जो “स्वामी” की अपेक्षा “पिता” कहना पसंद करते हैं। हम उस पिता के सेवक, पापी बच्चों के समान हैं। येसु आज हमें यह स्मरण दिलाते हैं कि धन्यताएँ हमें अपने उत्तरदियत्वों को उचित रूप में निर्वाहन करने हेतु निमंत्रण देता है जिससे दुनिया और अच्छी और न्याय पूर्ण हो सके। अनंत जीवन की चाह हमें दुनिया की स्थिति विशेषकर अपने कमजोर भाई-बहनों के जीवन को सुधारने में हमारे सहयोग की मांग करता है। माता मरियम हमारी सहायता करें जिससे हम एक समुदाय के समान रह सकें जो पुरानी बातों के कारण ध्वस्त न हो लेकिन यह हमें भविष्य में आशा के साथ ईश्वर से मिलन हेतु सहायता करें। इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और सभों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया। 








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