वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 अगस्त 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने असीसी की यात्रा हेतु विश्वासियों से प्रार्थना की अपील की।
संत पापा 4 अगस्त को, ″असीसी की क्षमा″ की आठवीं शतवर्षीय जयन्ती मनाने हेतु इटली के ओमब्रिया की यात्रा कर रहे हैं। यह उन लोगों के लिए दण्डमोचन प्राप्त करने का अवसर है जिन्होंने 2 अगस्त को संता मरिया देली अंजेली महागिरजाघर स्थित छोटा प्रार्थनालय ‘पोरचुनकोला’ का दर्शन किया है जहाँ संत फ्राँसिस असीसी ने फ्राँसिसकन ऑर्डर की शुरूआत की थी।
″असीसी की क्षमा″ का अनुमोदन संत पापा होनोरियुस तृतीया ने संत फ्राँसिस असीसी के निवेदन पर सन् 1216 ई. में दी थी।
बुधवारीय आमदर्शन समारोह में विश्वासियों से प्रार्थना की अपील करते हुए संत पापा ने कहा, ″यह बहुत साधारण किन्तु करुणा के इस जयन्ती वर्ष में अत्यन्त महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। मैं आप प्रत्येक से आग्रह करता हूँ कि प्रार्थना द्वारा मेरा साथ दें, पवित्र आत्मा से प्रकाश एवं शक्ति की याचना करें एवं संत फ्राँसिस की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करें।″
संत पापा फ्राँसिस ने 2013 में कलीसिया के परमाध्यक्ष चुने जाने के कुछ ही दिनों बाद असीसी का दौरा किया था।
प्रायर माईनर ऑर्डर के मिनिस्टर जेनेरल फादर माइकेल अंतोनी पेर्री ने ‘असीसी की क्षमा’ पर्व का अर्थ बतलाते हुए वाटिकन रेडियो से कहा, ″यह ईश्वर द्वारा अपने पापों की क्षमा हेतु खुद इसकी खोज थी जब उन्होंने अपने आप को क्षमा किया एवं ईश्वर द्वारा क्षमा किये जाने हेतु तैयार हुए तब उन्होंने एहसास किया था कि दूसरों को भी क्षमा दिया जाना चाहिए। जिसको उन्होंने सभी के लिए विस्तृत करने का निश्चय किया, यहाँ तक कि अपने दुशमनों के लिए भी।″
फा. पेर्री ने कहा, ″यह संदेश जो पोरचुंगोला से निकल रही है प्रत्येक को निमंत्रण दे रही है कि हम रूक जाएँ, छोड़ा वक्त निकालें, ईश्वर की आवाज सुनें जो कह रहे हैं ″मैं तुम्हें क्षमा प्रदान करता हूँ और तुमसे प्रेम करता हूँ, तुम मेरे पास लौट आओ।″
फा. जेनेरल ने कहा कि संदेश का अर्थ शुरू में जो था वही अब भी है अगर कुछ बदलाव आया है तो वह है सुन सकने की क्षमता अथवा नहीं सुन सकने की असमर्थता।
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