2016-07-26 14:46:00

बिहार सरकार द्वारा ख्रीस्तयाग में प्रयुक्त दाखरस पर रोक


पटना मंगलवार, 26 जुलाई 2016 (ऊकान) : बिहार राज्य के अधिकारियों ने ख्रीस्तयाग में प्रयोग किये जाने वाले दाखरस बनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। उनका कहना है कि यह अप्रैल में पारित शराब पर प्रतिबंध कानून का उलंघन करता है।

राज्य में शराब पर पूर्णरुपेण प्रतिबंध होने के बावजूद सरकार ने पवित्र ख्रीस्तयाग में प्रयोग किए जाने वाले दाखरस बनाने की अनुमति दी थी।

हाल ही में राज्य आयुक्त आदित्य कुमार दास ने प्रेस को बताया कि राज्य में सभी प्रकार के शराब के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध होने की वजह से ख्रीस्तयाग में प्रयोग किया जाने वाला दाखरस का उत्पादन करना कानून का उलंघन है। कलीसिया को दिये गये छूट के दुरुपयोग होने की संभावना को देखते हुए विभाग इसे रद्द करने के लिए बाध्य है।

पटना महाधर्मप्रांत के दाखरस उत्पादन के अधिकारी येसु समाजी धर्मबंधु फ्रांसिस थाट्टापरम्बिल ने कहा कि वह किसी भी समय वाइनरी को बंद करने के लिए सरकारी अधिकारियों के आदेश की उम्मीद करता है।"

उन्होंने कहा कि सरकार की अनुमति से 50 से भी अधिक वर्षों से जेसुइट वाइनरी में दाखरस का उत्पादन किया गया है।

 धर्मबंधु फ्रांसिस ने कहा, "दाखरस का शाब्दिक अर्थ अंगूर का रस है और यही एक बेहतर शब्द होगा क्योंकि इसका प्रयोग एक मादक तत्व के रूप में पीने के लिए नहीं किया जाता है।"  

पटना महाधर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर देवस्य मट्टातेलानी ने कहा कि दाखरस ख्रीस्तयाग की पूजनविधि का एक अभिन्न हिस्सा है अतः वे सरकार से प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने हेतु अपील करेंगे।

 








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