2016-07-23 16:40:00

नई दिल्ली घरेलू कामकाजी के बलात्कार विरोध में प्रदर्शन


नई दिल्ली, शनिवार 23 जुलाई 2016 (ऊकान) : नई दिल्ली में घर के मालिक द्वारा एक युवा कामकाजी के साथ बलात्कार के विरोध में 50 घरेलू कामकाजियों ने काम पर सुरक्षा हेतु सख्त कानून की माँग की।

पिछले हफ्ते 60 वर्षीय सेवानिवृत्त मर्चेन्ट नेवी अधिकारी ने अपने घर की 27 वर्षीय कामकाजी के साथ बलात्कार किया था। बताया जाता है कि घर में जब यह अपराध हुआ तो आरोपी की पत्नी और बेटी दूसरे कमरे में थे।

21 जुलाई को दिल्ली महाधर्मप्रांत के सामाजिक सेवा शाखा चेतनालय सहित, घरेलू कामगारों के अधिकारों के लिए काम कर रहे एक संगठन ने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियाँ पकड़े और नारे लगाते हुए संसद भवन के सामने प्रदर्शन किया।

घरेलू कामगार मंच चेतनालय की नेटवर्किंग अधिकारी और वकील अनुष्का थोमसन ने कहा "दिल्ली में घरेलू कामगाजी महलाओं  की बहुत मांग है लेकिन वे बलात्कार, घरेलू हिंसा, शारीरिक प्रताड़ना और यौन शोषण और अमानवीय व्यवहार का शिकार बनती हैं।" उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत से घरेलू कामगार चुपचाप पीड़ा सहती हैं। घरेलू कामगारों के अधिकारों को सुरक्षित करने हेतु एक कानून का अभाव उनके लिए न्याय की लड़ाई को मुश्किल बनाता है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान है कि भारत में 4 लाख घरेलू कामगार हैं। हालांकि 2011 में आईएलओ के सम्मेलन में भारत सरकार ने घरेलू काम को एक सम्माननीय काम के रुप में समर्थन दिया था पर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

देश में सबसे बड़े असंगठित और कानून की कमी के कारण भारत के घरेलू कामगारों को उचित मजदूरी और छुट्टियां नहीं मिलती हैं तथा किसी भी समय उन्हें काम से निकाले जाने का डर बना रहता है। वे बलात्कार, घरेलू हिंसा, शारीरिक यौन शोषण का शिकार बनती हैं।

घरेलू कामगार कमला देवी ने ऊका समाचार से कहा, "हम अपने परिवार के भरण-पोषण में मदद करने हेतु काम करती हैं। मालिकों के हाथों शोषित होने के लिए नहीं।"

उसने कहा, "क्योंकि हम गरीब हैं ये लोग सोचते हैं कि वे हमारे साथ कुछ भी कर सकते हैं।"

दिल्ली में बिहार और झारखंड राज्यों की आदिवासी युवतियाँ घरेलू काम करने आती हैं। उनमें से कई ख्रीस्तीय युवतियाँ हैं जो अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम करने आती हैं।

 








All the contents on this site are copyrighted ©.