2016-07-22 16:54:00

आयरलैण्ड में नवीन सुसमाचार का प्रचार, पुराने विचारधारा छोड़ सृजनात्मक अल्पसंख्यक बने


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 22 जुलाई 2016 (सेदोक) सुसमाचार प्रचार हेतु मेनूत के तृतीय सम्मेलन में आयरलैण्ड के धर्माध्यक्ष कुलीनान ने संत पापा फ्राँसिस द्वारा निर्देशित “सृजनात्मक अल्पसंख्यक” की विस्तृत व्याख्या करते हुए आयरलैण्ड में नवीन सुसमाचार प्रचार को प्रोत्साहित किया।

विश्व में काथलीक कलीसिया की वर्तमान स्थिति और आयरलैण्ड में नवीन सुसमाचार का प्रचर धीरे लेकिन निश्चित रुप से फूलते–फलते वातावरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “काथलीक कलीसिया को आज अपने को एक सृजनात्मक अल्पसंख्यक समुदाय के रुप में देखने की जरूरत है, जो अतीत के मूल्यों को नहीं वरन् सजीव और प्रासंगिक सच्चे जीवन मूल्यों को अपने में धरण करती है, आज हमें संस्कृति को बनाये रखते हुए समाज को यह बतलाने की जरूरत है कि यह सच्चाई में निहित है।”

.“झूठी विकल्प” पर टिप्पणी करते हुए जो कलीसिया को पुराने विचारों में सीमित कर देती है उन्होंने कहा कि कुछ आलोचनात्मक और नकारात्मक काथलीक हैं जो अपने को पृथक कर लेते और एक समुदाय बना कर उनकी टिप्पणी करते जो एक मत में नहीं हैं इस तरह वे अपने को “पुरानी मानसिकता” के शिकार बनाते हैं।

सुसमाचार के उदाहरणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि येसु इस पुरानी मानसिकता से प्रभावित नहीं थे वरन् “वे उन्हें वापस लाना चाहते थे जो बिछुड़कर दूर चले गये हैं।” “काथलीक” शब्द पर अपने विचार देते हुए उन्होंने कहा कि इसका शब्दिक अर्थ “वैश्विक” है।

युवा काथलीकों के प्रति अपने विचार को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आयरलैण्ड की कलीसिया युवाओं की कलीसिया बन रही है जो एक साथ आते और अपने को मजबूत बना कर अपने दिनचर्चा हेतु जाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी मुस्कान और खुशहाल सरल जीवन लोगों में येसु के प्रेम को प्रसारित करता है।”

नवीन सुसमाचार के प्रचार पर उन्होंने गर्मजोशी से कहा, “निश्चय ही हमें इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला है। हमें विभिन्न स्थानों पर हरी-भरी कोपलों के देख सकते हैं। सुसमाचार का प्रचार हो रहा है एक विस्फोटक रुप में नहीं लेकिन धीरे से।”  

उन्होंने संत पापा फ्राँसिस के बातों को उद्धत करते हुए कहा, “आप अच्छी लड़ाई में शामिल हो और देखें। हाँ आप घायल और तार-तार होंगे, लेकिन यह फलप्रद होगा।” 








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