भोपाल, बुधवार, 13 जुलाई 2016( ऊका समाचार) : मध्य प्रदेश में 5 दिनों से लगातार हो रहे वर्षा ने 22 लोगों की जानें ले ली है तथा सैकड़ों लोग अपने घरों को छोड़ स्कूलों, अस्पतालों और मिशन केन्द्रों में पनाह ले रहे हैं।
भोपाल महाधर्मप्रांत के जनसंपर्क अधिकारी फादर मारिया स्टीफन ने कहा कि सैकडों मकानों, गिरजाघरों और स्कूलों में पानी भरने की वजह से लोग विस्थापित हो रहे हैं। राज्य के विभिन्न भागों के मिशन केंन्द्रों में पानी भर गया है। रिपोर्ट के अनुसार 43 वर्षों में भारी बारिश से पूरे शहर में बाढ़ आ गई है।
फादर स्टीफन ने कहा, प्राकृतिक आपदा कलीसिया के लिए एक दर्दनाक स्थिति है परंतु नगण्य संख्या और सीमित वित्तीय स्रोतों के कारण हम प्रभावित लोगों के लिए बहुत ज्यादा नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी 72 करोड़ है जिसमें ख्रीस्तीयों की संख्या आबादी का 0.29 % है। और अधिकांश ख्रीस्तीय दलित और जन-जाति समुदाय के हैं जो दूर-दराज के गांवों में रहते हैं।
"हमने कलीसिया के स्वयंसेवकों की मदद से राज्य के कई हिस्सों में राहत एवं बचाव कार्य शुरु कर लिया है।
राज्य के सतना क्षेत्र में सेना ने बाढ़ प्रभावित 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया है। सतना का धर्माध्यक्षीय मकान, स्कूल और कोनवेंट सब जलमग्न हैं।
राज्य सरकार ने बचाव दल तैनात की है जो प्रभावित लोगों को उच्च भूमि पर स्थित अस्थायी राहत शिविरों, सरकारी भवनों, स्कूल और कॉलेजों में स्थानांतरित कर रहे हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को बताया कि उसके अधिकारी बाढ़ की स्थिति से निपटने और प्रभावित लोगों के लिए आश्रय सुनिश्चित करने, भोजन, पीने के पानी की व्यवस्था और प्रभावित लोगों के लिए बीमारी की रोकथाम के उपाय जुटाने में लगे हुए हैं।
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