2016-07-08 16:09:00

बांग्लादेश आतंकी हिंसा में इजाफा, सीएसडब्ल्यू


वाटिकन सिटी, 08 जूलाई 2016 (सेदोक) इस्लामिक राज्य ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में किये गये शुक्रवार 01 जुलाई के आतंकी हमले को भविष्य में होने वाली घटनाओं की महज एक झलक बतलाई है।

ख्रीस्तीय वैश्विक एकता हेतु कार्यरत दक्षिणी एशिया के एक प्रवक्ता ने वाटिकन रेडियो की जोर्जिया गोराथी से अपने विचारों को साझा करते हुए बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और हिंसक घटनाओं के कारणों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोग अत्याधिक भयभीत हैं। उनके बीच सुरक्षा और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। देश में हो रहे हिंसक आतंकवादी घटनाओं के कारणों के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें बांग्लादेश के इतिहास  और राजनीतिक संदर्भ को समझने की जरूरत है जो 1971 में स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद पाकिस्तान से अलग हुआ।

प्रवक्ता ने बतलाया कि बांग्लादेश में मुस्लमानों की संख्या 89 प्रतिशत है जिसमें अधिकतर लोग सोचते हैं कि हिन्दु उनके राष्ट्र में परदेशी की तरह हैं “जो देश में इस्लामिक भावनाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।”  धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर्स की हत्याओं से शुरू हुई घटनाएँ अब स्थानीय  और अल्पसंख्यकों को भी अपनी चपेट में लेने लगी हैं जिनमें हिन्दु, ख्रीस्तीय और वे लोग शामिल हैं जो कट्टवाद का खुले रूप में विरोध करते हैं।

घटनाओं के निदान पर अपने मन्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ईमानदारी और उत्तदायित्व के साथ यह देखने और पता लगने की जरुरत है कि इन घटनाओं के पीछे किसका हाथ है। 01 जुलाई की घटना की जिम्मेदारी इस्लामिक राज्य के द्वारा लेने के बावजूद प्रवक्ता ने कहा कि अवामी लीग स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाना चाहती और घटनाओं का दोषारोपण विपक्षी दल पर लगती है। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस को निष्पक्ष रूप से कार्य करने की जरुरत है जिससे दोषियों का पता लगाया जा सके।

उन्होंनें यह भी कहा की 160 लाख आबादी वाले देश में ख्रीस्तीयों की संख्या 0.5 प्रतिशत है जो संत पापा के आध्यात्मिक नेतृत्व की ओर ध्याय गड़ाये रहते और उनके सुझावों पर अमल करते हैं। संत पापा के “आश्वासनपूर्ण बयान”  भय और विपत्ति की स्थिति में उन्हें दृढ़ता और एकता में बन रहने की शक्ति प्रदान करती है। 








All the contents on this site are copyrighted ©.