जर्मनी, बुधवार,6 जुलाई 2016 (सेदोक) : जर्मनी यूनीसेफ रिपोर्ट 2016 के अनुसार दुनिया में 16 लाख बच्चे युद्ध व संघर्ष क्षेत्रों में पैदा हुए हैं तथा लगभग 250 लाख लड़के और लड़कियाँ संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं।
अफगानिस्तान, सीरिया, यमन और सूडान में एक तरफ तो बहुत से बच्चों को सूखा, बाढ़ और महामारी जैसे प्राकृतिक आपदाओं की जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ जटिलता और आपात स्थिति की अवधि बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार सन् 2015 में इन देशों के संघर्ष प्रभावी क्षेत्रों में करीब 16 लाख बच्चों का जन्म हुआ है।
दुनिया में, संकट और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से करीब 3 से 18 वर्ष के बीच के 75 लाख बच्चें और युवा शिक्षा के लिए नियमित रुप से बाल विहार और स्कूलों में उपस्थित नहीं हो सकते हैं।
संचार के अनुसार दुनिया में प्रत्येक दिन 4 स्कूलों या अस्पतालों पर सशस्त्र हमले होते हैं। 2014 में केवल अफगानिस्तान के स्कूलों पर 164 हमले तथा इराक में 67 हमले दर्ज किये गये। नाइजीरिया में बोको हराम के आतंकवादी समूह ने 1,200 स्कूलों को क्षतिग्रस्त व नष्ट कर दिया गया है और 600 से अधिक शिक्षकों को मार डाला।
यूनिसेफ के बाल संरक्षण कार्यक्रमों के प्रमुख कॉर्नेलियस विलियम्स ने कहा कि संकट से प्रभावित देशों में लाखों बच्चों के संरक्षण और शैक्षिक कार्यक्रम की आवश्यकता है। बच्चे अक्सर अविश्वसनीय रूप से परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेते हैं। बचपन के अप्रिय अनुभव के बावजूद अगर उन्हें खेलने और सीखने का सुरक्षित स्थान मिले तो वे अपना विकास कर सकते हैं।
यूनिसेफ ने 2015 में विश्व स्तर पर संघर्ष, संकट या प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित 102 देशों में 310 आपातकालीन परिचालन संपन्न किया है।
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