2016-07-04 16:41:00

ख्रीस्तीय होना एक मिशन है, संत फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार,4 जुलाई2016(वी आर सेदोक) वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगन में संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 3 जुलाई को, भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को संबोधित कर कहा,

अति प्रिय भाइयों एवं बहनो, सुप्रभात,

संत लूकस के सुसमाचार के दसवें अध्याय से लिया गया पाठ (लूक. 10.1-12,17-20) ईश्वर से प्रार्थना करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। “फसल तो बहुत है, परन्तु मजदूर थोड़े हैं, इसलिए फसल के स्वामी से विनती करो कि वह अपनी फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजे।” (पद 2) जिन मजदूरों के बारे येसु कहते हैं वे येसु के चेले हैं। इन चेलों को येसु ने बुलाया और “जिस-जिस नगर और गाँव में वे स्वयं जाने वाले थे, वहाँ दो-दो करके उन्हें अपने आगे भेजा।” (पद,1) उनका कार्य था मुक्ति का संदेश पहुँचाना। यह कार्य सिर्फ प्रेरितों या उन मिश्नरियों का नहीं है जो अपना देश छोड़कर अन्य देशों में जाते हैं परंतु मुक्ति का संदेश हम प्रत्येक अपने स्थान में अपने लोगों के बीच सुना सकते हैं। “ईश्वर का राज्य निकट आ गया है।”(पद,9) ईश्वर ने मानव धारण कर येसु के रुप में हमारे बीच निवास किया। उसके करुणामय प्रेम ने मानव के पापों और मृत्यु पर विजय पा लिया है। यही शुभ संदेश है। आशा, शाँति, दया और सांत्वना का संदेश सभी लोगों तक पहुचाना है। येसु अपने चेलों को दो-दो करके गावों में यह कहते हुए भेजते हैं, “जिस घर में प्रवेश करते हो, सबसे पहले यह कहो, इस घर को शाँति.... वहाँ के रोगियों को चंगा करो।” (पद-5,9) इस का मतलब है कि ईश्वर के राज्य का विस्तार दिन प्रतिदिन करना है और इस धरती पर लोगों के बीच मेल-मिलाप, मन परिवर्त्तन, प्रेम और सांत्वना को लाना है।

संत पापा ने सुसमाचार प्रचारकों के संघर्ष और चुनौतीपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर के राज्य के प्रचार के लिए हमें वर्तमान की सच्चाईयों, कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। येसु ने भी अपने चेलों को पहले से ही आगाह कर दिया था। येसु करते हैं, “जाओ, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेजता हूँ।” (पद-3) येसु जानते थे कि इस काम में अपने चेलों को कठिनाइयों और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा इसलिए येसु चेलों से कहते हैं “तुम न थैली, न झोली और न जूते ले जाओ” (पद-4) येसु ने अपने चेलों से क्रूस की शक्ति पर पूरा भरोसा रखने का आग्रह किया। अर्थात किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत फायदे, नाम, मान-सम्मान, पद से अपने आप को स्वतंत्र कर पूरी उदारता के साथ येसु के क्रूस की राहों में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया।

संत पापा ने विश्वासी समुदाय को एक विशेष मिशन “ईश्वर से प्रार्थना” करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कोई भी इस मिशन से अछूता नहीं है। इस मिशन को पूरा करने के लिए लोगों की उदारता की आवश्यकता है जो पूरे दिल और मन से प्रभु से मदद की दुहाई माँगें। आज उन ख्रीस्तीयों की आवश्यकता है जो अपने दैनिक जीवन द्वारा सुसमाचार के आनंद की गवाही दे सकें। “येसु द्वारा भेजे गये शिष्य सानन्द लौटे”। (पद-17) जब हम येसु की आज्ञाओं का पालन करते हैं तो हमारा हृदय भी आनंद से भर जाता है। शिष्यों का आनंद मुझे यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि माता कलीसिया भी कितना आनंद मनाती है जब उसके पुत्र-पुत्रियाँ सुसमाचार को स्वीकार करते हैं।

संत पापा ने सुसमाचार प्रचार में संलग्न पल्ली पुरोहितों, धर्मसंघियों, मिशनरियोंऔर लोकधर्मियों को धन्यवाद देते हुए वहाँ उपस्थित युवाओं से प्रश्न किया, “ इस प्रांगण में उपस्थित युवाओ,  आप में से कितने हैं जिन्होंने प्रभु के बुलावे को सुना है और उसके पीछे चलने के लिए तैयार हैं। आप न डरें। आप अनुकरणीय शिष्यों द्वारा शुरु किये गये प्रेरितिक उत्साह के इस मशाल को दूसरों तक पहुचाने हेतु साहसपूर्वक आगे बढ़ें।”

संत पापा ने माता मरिया की मध्यस्ता द्वारा प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा कि स्वर्गीय पिता के कोमल प्रेम को सबों तक पहुँचाने में हमारी कलीसिया में उदार दिलों की कभी कमी न हो। इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने शनिवार 2जुलाई के ढाका और बगदाद में हुए हिंसा के शिकार लोगों के रिश्तेदारों और प्रियजनों को अपना आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान किया। हिंसा में मरे लोगों की आत्माओं की अनंत शान्ति और उग्रवादियों के हृदय परिवर्तन के लिए संत पापा ने कुछ देर मौन रहकर प्रणाम मरिया का पाठ किया।

तत्पशचात संत पापा ने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया, विशेष रुप से बेरगमो (इटली) के धर्माध्यक्ष की अगुवाई में आए तीर्थयात्री, ब्रगानका-मिरांडा (पुर्तगाल) के तीर्थयात्री, कोरिया से आ पवित्र हृदय की मिश्नरी धर्मबहनों और उनके साथ आए कुछ लोकधर्मियों,द्दढ़करण संस्कार की तैयारी करने वाले इबीसा के युवाओं, वेनेजुएला और क्राकोवा के तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। संत पापा ने कहा, मैं यहाँ उपस्थित मेरे देशवासियों ला रिओया किलेचितो के तीर्थयात्रियों को भी बधाई देता  हूँ। संत पापा ने अस्कोली पिचिनो से पैदल आए तीर्थयात्रियों,घोड़े पर सवार इटली पर्यटन संगठन के सदस्यों, साइकिल और मोटर-साइकिल से आए कारदितो के तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।

 संत पापा ने अपने संबोधन के अंत में कहा, इस करुणा के वर्ष मे मैं बड़े हर्ष के साथ आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि आने वाला बुधवार, 6 जुला को हम संत मरिया गोरेती का त्योहार मनाएंगे। शहीद लड़की ने मृत्यु से पहले अपने कातिल को क्षमा कर दिया। अतः यह बहादुर लड़की हम सबके वाहवाही की हकदार है। इतना कहने के बाद संत पापा ने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की। 








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