2016-06-28 11:18:00

धर्माध्यक्ष ने की मदर तेरेसा विरोधी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग


नई दिल्ली, मंगलवार, 28 जून 2016 (ऊका समाचार): राँची के काथलिक धर्माध्यक्ष थेओदोर मैसकारेनस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद योगी अदित्यनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने मदर तेरेसा पर आरोप लगाया है कि उनके समाज कल्याण कार्यों का उद्देश्य धर्म परिवर्तन था।

धर्माध्यक्ष मैसकारेनस ने ऊका समाचार से कहा "इस तरह के बयान केवल एक व्यक्ति की मानसिकता को दर्शाते हैं। मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूँ कि वह भाजपा सांसद आदित्यनाथ के खिलाफ कार्रवाई करे तथा अल्पसंख्यकों के प्रति अपनी ईमानदारी साबित करे।"

धर्माध्यक्ष मैसकारेनस भाजपा सांसद आदित्यनाथ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दर्शा रहे थे जिसमें सांसद ने कहा था कि मदर तेरेसा भारत के ख्रीस्तीयकरण षड़यंत्र का ही अंग थीं। उन्होंने यह भी कहा था, "ख्रीस्तीयकरण के फलस्वरूप ही भारत के उत्तरपूर्व में अलगाववादी अभियान को बढ़ावा मिला जिसमें अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय एवं नागालैण्ड शामिल हैं।

यह बात सांसद आदित्यनाथ ने 18 जून को उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक सम्मेलन के दौरान कही थी। 

धर्माध्यक्ष मैसकारेनस ने भारत सरकार का आह्वान किया कि वह घृणा फैलाने के लिये की गई इस अपरिपक्व टिप्पणी के विरुद्ध उपयुक्त कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा, "हम प्रसन्न हैं कि भारत के अधिकांश लोग इस प्रकार के विचार नहीं रखते हैं तथा मदर तेरेसा के कार्यों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।"

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अनर्गल बातें करनेवाले व्यक्ति को ख़ुद जाकर देखना चाहिये कि मदर तेरेसा ने निर्धनों एवं परित्यक्तों के लिये भारत में और विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में क्या किया है।

सन् 1950 ई. में मदर तेरेसा ने कोलकाता में उदारता के मिशनरी धर्मसंघ की स्थापना की थी जो आज भी विश्व के कई देशों में निर्धनों, परित्यक्तों एवं निस्सहाय लोगों की सेवा में संलग्न है। निधनों के पक्ष में मदर तेरेसा के कार्यों के लिये भारत सरकार द्वारा भी उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। इनके अतिरिक्त, उदारता की देवी नाम से विश्वविख्यात मदर तेरेसा को सन् 1979 ई. में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।








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