2016-06-27 17:17:00

धर्माध्यक्ष द्वारा मदर तेरेसा विरोधी एम.पी के विरूद्ध काररवाई की मांग


नई दिल्ली, सोमवार, 27 जून 2016 (उका न्यूज) धन्य मदर तेरेसा को सामाजिक कार्य द्वारा ख्रीस्तीय धर्म का प्रचार और षडयंत्र के तहत देश को ख्रीस्तीयवादी राष्ट्र बनाने का आरोप लगाने वाले संसद योगी आदित्यनाथ के विरूद्ध काररवाई की मांग की गई है।

भारत में ख्रीस्तीयकरण के संबंध में मदर तेरेसा एक षडयंत्र की अंग थीं जिसके तहत कई अलगाववादी आन्दोलनों का जन्म हुआ और उत्तरी भारत में अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय और नगालैण्ड जैसे राज्य अगल हुए। उक्त बयान भारतीय जनता पार्टी के संसद ने 18 जून को भारत के उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान दी।

इस बयान का विरोध करते हुए भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सचिव धर्माध्यक्ष थ्योदोर मास्कारेनस ने उका समाचार से कहा,  “इस तरह के बेतुके बयान व्यक्ति की मानसिकता को दिखलाती है। मैं निवेदन करता हूँ कि भारत सरकार ऐसे बयान देने वाले व्यक्ति के विरूद्ध काररवाई करे और अल्पसंख्यकों के प्रति अपनी निष्ठा का प्रमाण दे।”  

सन् 2015 में हिन्दू कटरपंथी धार्मिक-सामाजिक दल के वरिष्ठ नेता ने कहा था कि मदर तेरेसा के कामों का लक्ष्य लोगों को ख्रीस्तीय धर्म में लाना है।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि ऐसे निरर्थक और अपरिपक्व टिप्पणी समाज में द्वेष और घृणा प्रसारित करती हैं। “इस तरह की उल्टी सीधी बातें कहने की अपेक्षा ऐसे लोगों को मदर और उनकी धर्मबहनों के कामों को आकर देखने की जरूरत है” उन्होंने कहा कि ऐसी बातें हमारे सेवा के कामों को हतोत्साहित करने हेतु कही जाती हैं, यदि ग़रीबों के प्रति सेवा की भावना हम में है तो इसे कोई अन्तर नहीं पड़ता कि कोई क्या कह रहा है।

मदर तेरेसा ने सन् 1950 में मिश्नरिस ऑफ चैरिटी धर्म समाज की स्थापना की। उन्हें ग़रीबों की अद्वितीय सेवा हेतु सन् 1971 ई. में नोबल पुरस्कार दिया गया और 05 सितम्बर 2016 को संत पापा फ्रांसिस उन्होंने संत घोषित करेंगे। 








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