2016-06-24 17:08:00

आर्मीनिया के महागिरजाघर में विश्वासियों को संत पापा का अभिवादन एवं प्रार्थना


येरेवान, शनिवार, 24 जून 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 24 जून को आर्मीनिया की अपनी प्रेरितिक यात्रा के प्रथम चरण में, येरेवान से 20 किलो मीटर दूर स्थित एत्कमिआदज़िन के प्रेरितिक महागिरजाघर का दौरा किया तथा वहाँ आर्मीनिया के प्राधिधर्माध्यक्ष करेकिन द्वितीय एवं सभी विश्वासियों का अभिवादन किया।

माना जाता है कि एत्कमिआदज़िन का यह महागिरजाघर आर्मीनिया का एक प्राचीन एवं पवित्रतम महागिरजाघर है।

संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″इस पवित्र स्थल से होकर पार होना मेरे लिए एक अत्यन्त हृदय स्पर्शी बात है जो आपके लोगों के इतिहास का साक्ष्य एवं आध्यात्मिक ज्योति का केंद्र है। मैं इसे ईश्वरीय वरदान मानता हूँ कि मैं पवित्र वेदी तक पहुँच पाया हूँ जहाँ से ख्रीस्त की ज्योति आर्मीनिया में फैली है।″

संत पापा ने एत्कमिआदज़िन में उन्हें निमंत्रित किये जाने एवं हार्दिक स्वागत के लिए प्राधिधर्माध्यक्ष एवं सभी कलीसियाई अधिकारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।

संत पापा ने आर्मीनिया में विश्वास के प्रकाश के लिए प्रभु को धन्यवाद दिया तथा कहा कि विश्वास ने ही उन्हें एक खास पहचान प्रदान की है तथा उन्हें राष्ट्रों के बीच ख्रीस्त का संदेशवाहक बनाया है। ख्रीस्त ही उनके गौरव एवं प्रकाश हैं जिन्होंने उन्हें प्रकाशित किया, साथ दिया और बल प्रदान किया है, विशेषकर, कठिनाई की घड़ी में।

संत पापा ने आर्मीनिया के लोगों के विश्वास में दृढ़ता की सराहना करते हुए कहा, ″आर्मीनिया के लिए ख्रीस्त पर विश्वास कोई वस्त्र के समान नहीं है जिसको पहना अथवा उतारा जा सके किन्तु उनके पहचान का मुख्य हिस्सा है, एक महान प्रतिष्ठा का वरदान है जिसे आनन्द पूर्वक स्वीकार कर अथक प्रयास एवं आध्यात्मिक शक्ति द्वारा बचाया गया है, जीवन की कीमत चुका कर।″  

संत पापा ने काथलिक कलीसिया एवं आर्मीनियाई कलीसिया की एकता हेतु ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता के प्रयास के लिए उन्हें धन्यवाद दिया तथा प्रार्थना की कि पवित्र आत्मा हमें एकता में बढ़ने हेतु सहायता प्रदान करे, जिसके लिए प्रभु ने प्रार्थना की थी कि उनके शिष्य एक हो जाएँ एवं दुनिया उन पर विश्वास कर सके।

संत पापा ने विश्व की वर्तमान समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए उसके समाधान हेतु भाईचारा पूर्ण सहयोग करने की आवश्यकता बतलायी। उन्होंने कहा, ″दुर्भाग्य से हमारी दुनिया विभाजन, संघर्ष तथा व्यक्तियों के शोषण समेत भौतिक एवं आध्यात्मिक गरीबी के गंभीर प्रकारों से चिह्नित है जहाँ बच्चे और बूढ़े भी शोषित किये जा रहे हैं। यह स्थिति ख्रीस्तीयों से, आपसी सम्मान एवं भ्रातृपूर्ण सहयोग की अपेक्षा करती है जो सभी के अंतस्थल में पुनर्जीवित ख्रीस्त की शक्ति और सच्चाई को प्रकट कर सके। पूर्ण एकता के प्रति धीरज एवं स्थायी प्रतिबद्धता, संयुक्त पहल के विकास तथा सार्वजनिक हित की सेवा में प्रभु के सभी शिष्यों के बीच सहयोग, अंधकार में प्रकाशमान ज्योति के समान है। यह एक आह्वान है कि हम हमारी विविधता में भी उदारता और आपसी समझदारी के मनोभव का एहसास कर सकें।″

संत पापा ने ख्रीस्तीय एकता की भावना को बढ़ावा देते हुए कहा कि इसके आदर्श द्वारा अन्य ख्रीस्तीय समुदायों को भी उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है। वार्ता एवं एकता के सूत्र में बांधने वाली हर वस्तु को स्वीकार करने के द्वारा हम सभी प्रकार के मतभेदों को दूर करने हेतु एक मजबूत आह्वान बन सकते हैं। इसके द्वारा शोषण एवं विश्वास की हेरफेर को भी रोका जा सकता है जिसके लिए मूल में जाने की आवश्यकता है तथा मानव प्रतिष्ठा के सम्मान के साथ सच्चाई का प्रचार करने एवं उसकी रक्षा किये जाने की जरूरत है, उन माध्यमों द्वारा जिनमें प्रेम एवं मुक्ति निहित हो। इस प्रकार, हम ख्रीस्त का एक ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किया जा सकता है कि वे जीवित और सक्रिय हैं तथा वे राष्ट्रों, सभ्यताओं तथा धर्मों के बीच मेल-मिलाप के नये रास्ते खोल सकते हैं। हम ख्रीस्त के प्रेम एवं दया का विश्वसनीय साक्ष्य दे सकते हैं।

संत पापा ने ख्रीस्तीय एकता के रास्ते पर आगे बढ़ने की सलाह देते हुए कहा, ″प्रिय भाइयो एवं बहनो, यदि हमारा कार्य ख्रीस्त के प्रेम, उनकी समझदारी और पारस्परिक सम्मान बढ़ाने की भावना से प्रेरित होगा तब हम एक निष्ठावान ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं तथा विभाजन एवं संघर्ष के बावजूद एक ठोस सामंजस्य उत्पन्न कर सकते हैं।"

संत पापा ने आर्मीनिया के लोगों के लिए प्रार्थना की कि सर्वशक्तिमान ईश्वर, हमारे प्रभु ख्रीस्त के पिता, अति निष्कलंक माता मरियम की मध्यस्थता, आर्मीनियाई कलीसिया के स्तम्भ संत ग्रेगोरी द इलूमिनेटर, संत ग्रेगोरी ऑफ नरेक तथा कलीसिया के धर्माचार्यों की मध्यस्थता द्वारा वे अपने विश्वास की रक्षा कर सकें।








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