2016-06-23 15:19:00

विश्व अप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस पर संत पापा के संदेश की विषयवस्तु


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 23 जून 2016 (वीआर सेदोक): ″नाबालिग अप्रवासी, कमजोर तथा आवाजहीन″ 103 वीं विश्व अप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस हेतु संत पापा फ्राँसिस द्वारा चयनित विषयवस्तु है।

बुधवार को जारी प्रेस वक्तव्य में, अप्रवासियों एवं घुमंतू लोगों की मदद हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति ने कहा कि उस विषयवस्तु के साथ संत पापा सबसे निम्न लोगों पर ध्यान देना चाहते हैं।

वक्तव्य में कहा गया कि बच्चे जो देशों की यात्रा कर अकेले पहुँचते हैं वे अपनी आवाज को दूसरों तक नहीं पहुंचा सकते हैं जिसके कारण वे आसानी ने मानव अधिकार के हनन के शिकार बनते हैं।

समिति ने याद किया कि अप्रवासी की समस्या विश्वव्यापी है तथा कोई भी महाद्वीप इस सच्चाई से अछूता नहीं हैं। अप्रवास न केवल उन लोगों से संबंधित है जो नौकरी एवं बेहतर जीवन की तलाश में दूसरे देशों की ओर प्रस्थान करते है किन्तु उन वयस्क एवं बच्चे से भी भी जो वास्तविक त्रासदियों से बचने के लिए भागते हैं।

उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि अप्रवासियों को उनके परिवारों के साथ, जिस देश में पहुँचते हैं उन्हें अपने अधिकारों की पूर्ण पहचान मिले। बच्चों के अधिकारों का विशेष ख्याल रखा जाना खास बात है क्योंकि अप्रवासियों में बच्चे और महिलाएँ कमजोर होते हैं। बच्चे बहुत बार सामने नहीं आ पाते क्योंकि उनके पास कागजात नहीं होता अथवा उनका साथ देने वाला कोई नहीं होता है।

इस दिवस की विषयवस्तु का मुख्य उद्देश्य सबसे कमजोर लोगों की ओर सभी का ध्यान खींचना है।

ज्ञात हो कि विश्व अप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस 15 जनवरी 2017 को मनाया जाएगा। परम्परानुसार इस दिवस विशेष पर संत पापा एक संदेश प्रेषित करेंगे। 








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