2016-06-21 15:53:00

जूडिथ और 39 भारतीय बंदियों का पता लगाने के प्रयास जारी: सुषमा


नई दिल्ली, मंगलवार, 21 जून (ऊकान) : भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार 19 जून को कहा कि भारत सरकार जूडिथ डिसूजा का पता लगाने का पूरा प्रयास कर रही है, जिसका अफगानिस्तान में अपहरण किया गया है और पिछले दो वर्षों में इराक से इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों द्वारा अपहरण किये गये 39 भारतीयों का भी पता लगाने का प्रयास जारी है।

सुषमा स्वराज ने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पिछले दो वर्षों में, मैंने एक भी भारतीय नागरिक के लिए अपना प्रयास नहीं छोड़ा है, चाहे वह अकेला हो या समूह में बंदी बनाया गया हो।"

उन्होंने कहा, " हर असहाय या बंदी भारतीय को बचाना मेरा कर्तव्य है चाहे यह प्रेम कुमार हो, (एक जेसुइट फादर जिसे पिछले साल अफगानिस्तान से स्वतंत्र किया गया था), जूडिथ या 39 भारतीय जो बंदी हैं, उन सब को भारत वापस लाना मेरा कर्तव्य है।"

कोलकाता की रहनेवाली 40 वर्षीय जूडिथ जुलाई 2015 से काबुल में आगा खान विकास नेटवर्क एनजीओ के साथ एक वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार के रूप में काम कर रही थी। काबुल के क़ला-ए-फातुल्ला क्षेत्र में एक दोस्त के घर में रात का खाना खाने के बाद घर लौटते वक्त रास्ते में उनका अपहरण कर लिया गया था।

पिछले दो साल से इराक से लापता 39 भारतीयों के बारे पूछे जाने पर सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की पुष्टि नहीं है कि उन्हें मार डाला गया है।

"वास्तव में हमें बताया गया है कि वे जीवित हैं। पर 40 बंधकों में से एक हरजीत मसीह ने दावा किया है कि सिवाय उसके अन्य सभी बंधकों की हत्या कर दी गई थी।

 बंधकों के रिश्तेदारों ने हरजीत मसीह के बयान को खारिज कर दिया है। रिश्तेदारों में से एक ने कहा कि उसने 21 जून (2014) को अपने भाई से बात की थी। जबकि हरजीत मसीह के मुताबिक 15 जून 2014 को सबों की मौत हो गई थी ।

उन्होंने कहा,"अगर मैं कहती हूँ कि वे जीवित हैं तो उन्हें खोजने की मेरी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम उन्हें पिछले दो सालों से खोज कर रहे हैं। हमें इराक के दो अधिकारियों से उनके जीवित होने की जानकारी मिली है। अगर मैं यह कहुँ कि वे मारे जा चुके हैं तो यह अन्याय होगा।"








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