रोम, शनिवार, 18 जून 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने करुणा के जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में, माह के एक शुक्रवार को दया के कार्य के रूप में विभिन्न समुदायों का दौरा करने के क्रम को जारी रखते हुए जून माह के लिए बुजुर्ग पुरोहितों से मुलाकात की।
संत पापा ने जून माह के आरम्भ में ही पुरोहितों के लिए करूणा की जयन्ती के अवसर पर आध्यात्मिक चिंतन प्रस्तुत किया था तथा संत पेत्रुस महागिरजाघर में समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित की थी। संत पापा उन पुरोहितों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करना चाहते थे जो जयन्ती उत्सव में सरीक नहीं हो पाये थे। अतः संत पापा ने पुरोहितों के दो समुदायों का दौरा किया।
शुक्रवार को अपने दौरे में उन्होंने ‘माऊट ताबोर’ समुदाय को प्रथम स्थान दिया जहाँ विभिन्न धर्मप्रांतों के 8 पुरोहित रहते हैं। वे भिन्न-भिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हैं तथा जिन्हें मदद करने हेतु एक स्थायी उपयाजक को नियुक्त किया गया है। संत पापा ने पुरोहितों से उनके छोटे प्रार्थनालय में मुलाकात की, उनकी बातें सुनी तथा उनके साथ प्रार्थना भी किया।
माऊण्ड ताबोर समुदाय का दौरा करने के पश्चात् संत पापा ने रोम धर्मप्रांत से बूजूर्ग पुरोहितों के एक अन्य समुदाय की भेंट की। इस केंद्र का नाम है ‘कासा सन गाईतानो’ जो ‘सौ पुरोहितों’ के नाम से अधिक लोकप्रिय है। वर्तमान में यहाँ 21 पुरोहित रहते हैं उनमें से कई गम्भीर रूप से बीमार हैं जिनकी देखभाल तीन धर्मबहनें एवं उनके सहयोगी करते हैं।
एक पुरोहित के रूप में यद्यपि उन्होंने कलीसिया को अपना बहुमूल्य योगदान दिया है किन्तु बुढ़ापे की इस अवस्था में लोगों द्वारा भूला दिये गये हैं किन्तु संत पापा ने उनकी भी याद की तथा अपने इस मुलाकात द्वारा यह प्रमाणित कर दिया कि उनके स्नेह के हिस्सेदार सभी हैं। इस तरह संत पापा ने करुणा, सहानुभूति एवं पूरे समुदाय के प्रति कृतज्ञता का एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया। करुणा न केवल शब्दों से किन्तु ठोस कार्यों द्वारा प्रकट किया जा सकता है।
‘कासा सन गाईतानो’ के निर्देशक डॉन अंतोनियो अंतोनेल्ली ने कहा, ″हम लोगों ने संत पापा से बहुत ही सामान्य एवं साधारण रूप से मुलाकात की क्योंकि यह उनका आकस्मिक मुलाकात थी। हम इसकी अपेक्षा नहीं कर रहे थे अतः हम लोगों ने हमारे सामान्य दिनचर्या में ही उनका स्वागत किया। हमने उनके साथ आधा घंटा बीताया तथा उनके साथ अपने दैनिक जीवन की बातें की। संत पापा ने सहानुभूति पूर्वक प्रत्येक पुरोहित से मुलाकात की। निश्चय ही, उन्होंने हमें आश्चर्यचकित कर दिया।″
संत पापा द्वारा इस प्रकार का यह छटवाँ दौरा था जिसको उन्होंने जयन्ती वर्ष में व्यक्तिगत रूप से सम्पन्न करने का निश्चय किया है। इस निश्चय के तहत जनवरी में उन्होंने वयोवृद्धों के केंद्र का दौरा किया था तथा फरवरी में बीमारों का। मार्च में नशापान के आदि लोगों का तथा अप्रैल में शरणार्थी केंद्र का। उन्होंने मई माह में मानसिक रूप से अक्षम लोगों के केंद्र की भी दौरा किया था।
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