2016-06-13 16:13:00

बीमारी के बावजूद अपनी उपस्थित दर्ज करने के साहस पर संत पापा की सराहना


वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 जून 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 12 जून को वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में बीमार एवं विकलांग लोगों के लिए जयन्ती के अवसर पर ख्रीस्तयाग अर्पित करने के उपरांत देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″कल भरचेल्ली में फादर जाकोमो की धन्य घोषणा की गयी जिन्होंने 18वीं शताब्दी में, ईश्वर के प्रेम से अपने पल्लीवालियों के लिए उदारता पूर्वक समय दिया था। हम भरचेल्ली धर्मप्रांत के आनन्द एवं कृतज्ञता में सहभागी होते हैं।″ संत पापा ने मोनरेआले की कपुचिन सिस्टर्स ऑफ द इमाकुलेट ऑफ लुर्द धर्मसमाज की संस्थापिका सि. करोलिना संतोकनाले की याद की जिन्हें भी धन्य घोषित किया गया। उनका जन्म पलेरमो के एक कुलीन परिवार में हुआ था किन्तु वे सभी सुख-सुविधाओं का परित्याग कर ग़रीबों के बीच गरीब बन गये। ख्रीस्त से विशेषकर, युखरिस्त संस्कार से बल प्राप्त कर कमजोर लोगों के लिए आध्यात्मिक माँ बनकर कोमलता प्रकट किया।  

संत पापा ने अस्वस्थ लोगों की जयन्ती के उपलक्ष्य में कुष्ठ रोग से लड़ने हेतु रोम में आयोजित सम्मेलन के प्रतिभागियों का अभिवादन किया।

उन्होंने बाल मजदूर के विरूद्ध विश्व दिवस की याद कर, इसके विरूद्ध संघर्ष करने वालों के प्रति समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा, ″आज बाल मजदूर के विरूद्ध विश्व दिवस है हम एक साथ आधुनिक गुलामी को दूर करने का प्रयास करें जो लाखों बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करता तथा गंभीर ख़तरों में डालता है। आज विश्व में बहुत सारे बच्चे गुलाम बनकर जी रहे हैं।″    

संत पापा ने इटली एवं विभिन्न देशों के तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए बीमारी के बावजूद अपनी उपस्थित दर्ज करने के साहस पर उनकी सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर रोम के चार महागिरजाघरों में चिकित्सा सुविधा का प्रबंध करने वालों के प्रति भी बड़ी कृतज्ञता अर्पित की।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को शुभकामनाएँ अर्पित की।








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