2016-06-11 17:37:00

एड्स पर संयुक्त राष्ट्र की सभा में वाटिकन पर्यवेक्षक का वक्तव्य


वाटिकन सिटी, शनिवार, 11 जून 2016 (वीआर सेदोक): संयुक्त राष्ट्र के लिए वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक एवं वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष बेर्नादेतो औजा ने एचआईवी एवं एड्स विषय पर हुई महासभा को सम्बोधित करते हुए महासचिव बान किमून द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में एड्स की महामारी को खत्म करने के प्रयास की सराहना की।

उन्होंने कहा कि महासचिव की रिपोर्ट अनुसार एडस महामारी को खत्म करने की तेज गति से मैं प्रसन्न हूँ। यह निश्चय ही, खुशी की बात है कि महामारी को खत्म करने के लिए सामरिक लक्ष्य और सतह तैयार किया गया है तथा सतत विकास हेतु 2030 एजेंडा की व्यापक रूपरेखा बनायी गयी है।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह प्रस्तुत रिपोर्ट अनुसार सभी लोगों पर बराबर ध्यान दे।

महाधर्माध्यक्ष ने इस क्षेत्र में काथलिक कलीसिया की कठिनाई को सामने रखते हुए कहा कि काथलिक कलीसिया द्वारा प्रेरित संस्थाएँ बहुधा उपयुक्त, सस्ती और सुलभ, बच्चों के अनुकूल, योगों और बाल चिकित्सा उपयोग की दवाओं की खुराक, प्राथमिक उपचार और निदान की कमी के कारण बाधा का अनुभव करती हैं। दवाईयों एवं डाईयाग्नोटिक उपकरणों की आपूर्ति में कमी हो जाने के कारण उपचार में रुकावट हो जाती है जिसके कारण महिलाओं एवं युवाओं को कलंक, भेदभाव एवं शारीरिक एवं भावनात्मक ह्रास का शिकार होना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि भेदभाव एवं कलंक के कारण किसी की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। भेदभाव एवं कलंकित एवं स्वस्थ संबंधों के बीच अंतर स्पष्ट करने का हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए। महाधर्माध्यक्ष औज़ा ने कहा कि एड्स महामारी के निराकरण, उपचार एवं स्वास्थ्य सेवा की गारंटी पर्याप्त नहीं है किन्तु हमें उनके मूल कारणों का पता लगाकर, स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहन देना है।








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