2016-06-07 12:11:00

अनुसंधान के लिए भ्रूण की रचना पर कार्डिनल ऐईक सहमत नहीं


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 7 जून 2016 (सेदोक): नीदरलैण्ड में ऊटरेख्ट के महाधर्माध्यक्ष तथा हॉलैण्ड के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, कार्डिनल विलियम ऐईक ने शोध हेतु कानूनी तौर पर भ्रूणों की रचना से सम्बन्धित स्वास्थ्य मंत्री एडिथ शिपर्स के प्रस्ताव की आलोचना की है।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि शोध कार्यों के लिये मानव मर्यादा के सिद्धान्त का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। हॉलैण्ड की काथलिक समाचार वेबसाईट पर उन्होंने लिखा, "एक मनुष्य के जीवन की बलि दूसरे मनुष्य के स्वास्थ्य लाभ के लिये अर्पित नहीं की जा सकती।" 

उन्होंने लिखा, "काथलिक कलीसिया उन वैज्ञानिक अनुसन्धानों को रचनात्मक दृष्टि से देखती है जो किसी रोग के उपचार की खोज करते हैं किन्तु इसमें मानव प्रतिष्ठा के सिद्धान्त का उल्लंघन नहीं होना चाहिये।"

उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि प्रत्येक मानव प्राणी की प्रतिष्ठा अलंघनीय है तथा जीवन के आरम्भिक क्षण से लेकर मृत्यु उसकी मर्यादा को बरकरार रखा जाना चाहिये।      

कार्डिनल महोदय ने लिखा कि इस सन्दर्भ में प्रायः काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा को नकारात्मक ढंग से परखा जाता है किन्तु कलीसिया का दायित्व यह स्मरण दिलाना है कि जीवन ईश्वर द्वारा दिया गया एक पवित्र वरदान जिसका हर अवस्था में सम्मान अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कलीसिया चाहती है कि मानव भ्रूण को भी मानव व्यक्ति का सम्मान दिया जाये।








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