2016-06-03 16:13:00

शरणार्थी संकट और जलवायु पर धर्म एक शक्तिशाली नैतिक वकील, अमेरीकी विशेषज्ञ


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 3 जून 2016 (सेदोक) पेरिस में हुए जलवायु परिवर्तन संबंधी सम्मेलन में धर्म और वैश्विक कार्यों हेतु अमेरिकी राज्य कार्यालयों के विशेष प्रतिनिधि शाउन कासे ने कहा कि अन्तरधार्मिक वार्ता, जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध संघर्ष में विशेष योगदान दे सकता है।

उन्होने कहा, “हम विभिन्न धार्मिक समुदायों की अगवाई में कई अन्तरधार्मिक सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन हेतु हमें अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग देने के लिए कटिबंध हैं।” उन्होंने कहा कि विश्व से सभी धर्मों ने कुछ समिति का गठन किया है चाहे वह काथलिक या प्रोटेसन्ट हो। अन्तरधार्मिक वार्ता के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियों जो “हरा” के नाम से प्रसिद्ध हैं उन्होंने जलवायु परिवर्तन को एक ख्रीस्तीय ईशशस्त्रीकरण की खोज का विषय कहा है जो एक सशक्त नैतिक मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि हमने सिक्ख, हिन्दु और मुस्लिम समुदायों में पाया है कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध एक जंग की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पेरिस सम्मेलन के दौरान करीब सैकड़ों दलों ने जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध जंग में आपसी सहभागिता और सहयोग का गीत गया था।

धार्मिक समुदाय किस हद तक इस मुद्दे में अपने सहयोग देते हैं इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये धार्मिक समुदाय ही हैं जो बहुधा इस मुद्दे पर सबसे पहले पहल करते हैं, यदि फसल नष्ट हो गई तो यह समूचे समुदाय की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। धार्मिक समुदाय एक परिवार के रुप में इस दर्द का अनुभव करता और दया से द्रवित हो कर समुदाय की मानवीय आवश्यकता और तकलीफ की चर्चा करता है जो सरकार का ध्यान आकर्षित करती है।

प्रवासियों की समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि यह यूरोप की समस्या ही नहीं वरन् पूरे विश्व की समस्या है। वाटिकन इस मुद्दे पर एक अहम जिम्मेदारी निभा रही हैं विशेषकर, न्याय और समानता की मांग करते हुए राष्ट्रों को आपसी सहयोग हेतु प्रोत्साहित करते हुए। 

Fr. Sanjay SJ








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