2016-06-02 15:29:00

गिरजाघर बंद, विश्वासियों ने भूख हड़ताल जारी किया


बेंगलूरू, बृहस्पतिवार, 2 जून 2016 (ऊकान): बेंगलूरू के विश्वनाथ नागेनाहाली के पल्लीवासियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी किया है।

 ऊका समाचार के अनुसार 13 लोगों में से छः महिलाएँ जिन्होंने रविवार को हड़ताल शुरू किया था अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं तथा दो लोगों को गिरजाघर के परिसर में ही इलाज किया जा रहा है। बाकी लोगों ने भूख हड़ताल जारी रखा है।

ज्ञात हो कि पल्ली परिसर में स्वर्गीय फादर कासारा की प्रतिमा स्थापित करने के कारण उत्पन्न झगड़े के मद्देनजर महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्ड मोरास ने 21 अप्रैल से गिरजाघर को बंद करने का आदेश दिया था। उन्होंने काथलिक कलीसिया के नियम ‘कॉड ऑफ कैनन लो’ का हवाला देते हुए कहा था कि ऐसे किसी व्यक्ति की प्रतिमा स्थापित नहीं की जानी चाहिए जो कलीसिया द्वारा धन्य अथवा संत घोषित न किया गया हो।

विश्वासियों ने रविवार को गिरजाघर के सामने ख्रीस्तीयाग अर्पित किया।

फादर कासारा उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने सन 1992 ई. में संत पौल हेरमित गिरजाघर के निर्माण में अपना पड़ा योगदान दिया था जिसके कारण पल्लीवासियों का उनके प्रति बड़े सम्मान की भावना है।

लुर्दस्वामी ने ‘द हिन्दू’ को बतलाया कि वे तब तक भूख हड़ताल जारी रखेंगे जब तक कि महाधर्माध्यक्ष गिरजाघर न खोल दें। उन्होंने कहा, ″मैं फादर कासारा की याद करता हूँ जो प्रत्येक दिन हमारे घर आते थे तथा 90 के दशक में बच्चों को पढ़ाई करने का प्रोत्साहन भी दिया था।″ उन्होंने कहा कि उनके प्रोत्साहन के बिना वे शिक्षा प्राप्त नहीं किये होते अतः यह उचित है कि उनकी मृत्यु के बाद फा. कासारा का सम्मान किया जाए जिसके लिए महाधर्माध्यक्ष मना नहीं कर सकते हैं।

इधर मानव अधिकार के वकील बी. ट. वेंकातेश, पल्लीवालियों की ओर से, महाधर्माध्यक्ष पर धर्म की स्वतंत्रता में बाधा पहुँचाने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय को लिखित याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि गिरजाघर को बंद कर महाधर्माध्यक्ष ने भारतीय संविधान के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन किया है।








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